कम वजन होने के कारण बिगड़ी हालत, अब चारों में से एक बेटा ही बचा
सीकर- जनाना अस्पताल में बाडलवास की विवाहिता ने सामान्य डिलीवरी से एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया, लेकिन इनमें से तीन की मौत हो गई और एक बेटा ही जीवित बचा है।
महिला ने दाे बेटे और दो बेटियाें को जन्म दिया। दोनों बेटो का वजन एक-एक किलो था और बेटियां आधे-आधे किलो की थी। डिलीवरी के बाद चारों नवजात बच्चों को एफबीएनसी में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन बच्चों का वजन कम होने के कारण मौत हो गई। एक बच्चा जीवित बचा है।
तीन दिन पहले प्रियंका (28) पत्नी नेमीचंद प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती हुई। अस्पताल में सामान्य डिलीवरी हुई। दो बेटे और दो बेटियां जन्मी। चारों बच्चों का वजन काफी कम था। दोनों बेटों का वजन एक-एक किलो था। बेटियां आधे-आधे किलो की थी।
चारों बच्चों की हालत बिगड़ने पर एफबीएनसी में भर्ती किया गया। बुधवार रात को एक बेटे और दो बेटियों की मौत हो गई। एक बेटे की हालत अब खतरे से बाहर है।
इसी तरह वार्ड 17 की यास्मीन पत्नी मोहसिन ने तीन दिन पहले यास्मीन ने अस्पताल में एक साथ तीन बेटों को जन्म दिया। तीनाें नवजात बच्चों और मां की हालत खतरे से बाहर है। नवजात बच्चों को एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है।
विशेषज्ञ डॉ. मदनसिंह फगेड़िया ने बताया कि तीनों नवजात बच्चों की हालत खतरे से बाहर है।
सीकर- जनाना अस्पताल में बाडलवास की विवाहिता ने सामान्य डिलीवरी से एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया, लेकिन इनमें से तीन की मौत हो गई और एक बेटा ही जीवित बचा है।
महिला ने दाे बेटे और दो बेटियाें को जन्म दिया। दोनों बेटो का वजन एक-एक किलो था और बेटियां आधे-आधे किलो की थी। डिलीवरी के बाद चारों नवजात बच्चों को एफबीएनसी में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन बच्चों का वजन कम होने के कारण मौत हो गई। एक बच्चा जीवित बचा है।
तीन दिन पहले प्रियंका (28) पत्नी नेमीचंद प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती हुई। अस्पताल में सामान्य डिलीवरी हुई। दो बेटे और दो बेटियां जन्मी। चारों बच्चों का वजन काफी कम था। दोनों बेटों का वजन एक-एक किलो था। बेटियां आधे-आधे किलो की थी।
चारों बच्चों की हालत बिगड़ने पर एफबीएनसी में भर्ती किया गया। बुधवार रात को एक बेटे और दो बेटियों की मौत हो गई। एक बेटे की हालत अब खतरे से बाहर है।
इसी तरह वार्ड 17 की यास्मीन पत्नी मोहसिन ने तीन दिन पहले यास्मीन ने अस्पताल में एक साथ तीन बेटों को जन्म दिया। तीनाें नवजात बच्चों और मां की हालत खतरे से बाहर है। नवजात बच्चों को एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है।
विशेषज्ञ डॉ. मदनसिंह फगेड़िया ने बताया कि तीनों नवजात बच्चों की हालत खतरे से बाहर है।