डाबला- गर्मी शुरू होते ही वन्यजीव आबादी में आने लगे हैं। बीती रात को कंवरका नांगल में पैंथर आबादी में आ गया। भैंरूजी मंदिर के पास पैंथर की दहाड़ से ग्रामीण डर गये रात भर जगकर पहरा देने का निर्णय लिया पैंथर पांच दिनों से आबादी में आकर चार बकरियों का शिकार कर चुका हैं।
इससे पहले भी दर्जनों पशुओं का शिकार कर चुका है। दस दिन पहले स्यालोदड़ा में भी एक पैंथर देखा गया था। ग्रामीणों के मुताबिक लोगों ने पत्थर फेंके तो वे पहाड़ी पर चढ़ गए, जहां से दहाड़ें सुनाई देती रही।
इधर, इलाके में पैंथर आने से ग्रामीण डरे हुए हैं ग्रामीण पैंथर से बचाव के लिए रात भर जागकर पहरा देने को मजबूर है। ग्रामीणों की मांग है की सौर लाइट लगाई जाए। ग्रामीण रात के समय जानवरों को बाड़े में बांधते हैं। इससे हर समय पैंथर के हमले की आशंका बनी रहती है।
मामले की सूचना वन्य अधिकारियों को भी दी गई है। लोग पहरा दे रहे हैं। गौरतलब है कि ग्राम डाबला कंवर का नांगल में बुधवार देररात को पैंथर आबादी में आ गया था। ग्रामीणों ने बताया की पैंथर ने यहां छोटेलाल धानका के घर के पिछवाड़े बाड़े में बंधी दो बकरी का शिकार कर लिया।
Read Also - कंवर का नांगल (डाबला) में पैंथर ने घर के बाड़े में बंधी दाे बकरियों काे मारा
इससे पहले भी दर्जनों पशुओं का शिकार कर चुका है। दस दिन पहले स्यालोदड़ा में भी एक पैंथर देखा गया था। ग्रामीणों के मुताबिक लोगों ने पत्थर फेंके तो वे पहाड़ी पर चढ़ गए, जहां से दहाड़ें सुनाई देती रही।
इधर, इलाके में पैंथर आने से ग्रामीण डरे हुए हैं ग्रामीण पैंथर से बचाव के लिए रात भर जागकर पहरा देने को मजबूर है। ग्रामीणों की मांग है की सौर लाइट लगाई जाए। ग्रामीण रात के समय जानवरों को बाड़े में बांधते हैं। इससे हर समय पैंथर के हमले की आशंका बनी रहती है।
मामले की सूचना वन्य अधिकारियों को भी दी गई है। लोग पहरा दे रहे हैं। गौरतलब है कि ग्राम डाबला कंवर का नांगल में बुधवार देररात को पैंथर आबादी में आ गया था। ग्रामीणों ने बताया की पैंथर ने यहां छोटेलाल धानका के घर के पिछवाड़े बाड़े में बंधी दो बकरी का शिकार कर लिया।
Read Also - कंवर का नांगल (डाबला) में पैंथर ने घर के बाड़े में बंधी दाे बकरियों काे मारा