Reporter- उमेश मिश्रा
नीमकाथाना- गणेश्वर का पर्यावरण मित्र क्लब गत वर्षो से धरती माता का आँचल सँवारने में जुटा है स्थानिय शिक्षक सुभाष शर्मा व डाँ रविन्द्र शर्मा कि पहल पर पर्यावरण मित्र क्लब का गठन किया गया जिसके द्वारा गणेश्वर के बस स्टेड़ जोहड़ा शाला परिसर गौशाला वन क्षेत्र व पहाड़ी स्थित बालाजी मन्दिर क्षेत्र में करिब 300 पौधे लगाये जा चुके है।
क्लब में प्रार्चाय रामसवरूप बैरवा योगेश लीलाराम जगदीश सुरेश समाजसेवी रामनारायण अग्रवाल, रूपचंद अग्रवाल, रोशन सौलकीं सहित कई ग्रामीण सेवा कर रहे है।
रविन्द्र शर्मा के अनुसार प्रतिकूल परिस्थित्यां होने के कारण अभियान में कई गंभीर चुनौतियो का सामना करना पड़ा है, लेकिन साथियो के जुनून के कारण कभी हिम्मत नही हारी।
अब मेहनत रंग लाने लगी है अधिकांश पौधे 15-20 फीट ऊँचे हो गये है। क्लब सदस्य प्रतिसप्ताह में एक दिन पैड़ पौधौं की सेवा में बिताते है और साथ ही लोगो को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाते है।
अब गर्मियों को देखते पक्षियों के लिए पानी के परिंडों की व्यवस्था की जा रही है। पशुओं के लिए भी जोहड़ में टैंकर से नियमित पानी डाला जा रहा है।
सदस्यो का पेड़-पौधों से इतना प्रेम है कि किसी को पेड़ कि एक टहनी भी नही तोड़ने देते क्षेत्र के लोगों ने इस अभियान की सराहना की है।
नीमकाथाना- गणेश्वर का पर्यावरण मित्र क्लब गत वर्षो से धरती माता का आँचल सँवारने में जुटा है स्थानिय शिक्षक सुभाष शर्मा व डाँ रविन्द्र शर्मा कि पहल पर पर्यावरण मित्र क्लब का गठन किया गया जिसके द्वारा गणेश्वर के बस स्टेड़ जोहड़ा शाला परिसर गौशाला वन क्षेत्र व पहाड़ी स्थित बालाजी मन्दिर क्षेत्र में करिब 300 पौधे लगाये जा चुके है।
क्लब में प्रार्चाय रामसवरूप बैरवा योगेश लीलाराम जगदीश सुरेश समाजसेवी रामनारायण अग्रवाल, रूपचंद अग्रवाल, रोशन सौलकीं सहित कई ग्रामीण सेवा कर रहे है।
रविन्द्र शर्मा के अनुसार प्रतिकूल परिस्थित्यां होने के कारण अभियान में कई गंभीर चुनौतियो का सामना करना पड़ा है, लेकिन साथियो के जुनून के कारण कभी हिम्मत नही हारी।
अब मेहनत रंग लाने लगी है अधिकांश पौधे 15-20 फीट ऊँचे हो गये है। क्लब सदस्य प्रतिसप्ताह में एक दिन पैड़ पौधौं की सेवा में बिताते है और साथ ही लोगो को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाते है।
अब गर्मियों को देखते पक्षियों के लिए पानी के परिंडों की व्यवस्था की जा रही है। पशुओं के लिए भी जोहड़ में टैंकर से नियमित पानी डाला जा रहा है।
सदस्यो का पेड़-पौधों से इतना प्रेम है कि किसी को पेड़ कि एक टहनी भी नही तोड़ने देते क्षेत्र के लोगों ने इस अभियान की सराहना की है।