नीमकाथाना- गर्मी बढ़ने के साथ ही गांव-ढाणियों में पानी के लिए मारामारी शुरू हो गई है। जलदाय विभाग ने भी किल्लत वाले गांव-ढाणियों को चिन्हित कर 20 अप्रैल से टैंकरों के जरिए पानी सप्लाई शुरू कर दी है।
पिछले साल के मुकाबले सूखाग्रस्त गांव-ढाणियों की संख्या भी बढ़ी है। पीएचईडी अधिकारियों ने सर्वे कर सूखाग्रस्त गांवों की सूची तैयार की है। नीमकाथाना के 22 सूखाग्रस्त गांव व ढाणियों में 89 टैंकरों के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग पर विभाग का प्रतिनिधि संबंधित गांव-ढाणी में पानी की स्थिति का जायजा लेगा। जरूरत के अनुसार पीएचईडी अधिकारी टैंकरों से पानी सप्लाई की अभिशंषा करेंगे। एसडीएम जेपी गौड़ ने अधिकारियों को निगरानी रखने के निर्देश दिए। स
रपंच, ग्राम सचिव व पटवारी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी सप्लाई का मांग पत्र देंगे। टैंकर से पानी आपूर्तिकर्ता दो स्थानीय लोगों, पार्षद व वार्ड पंच से कूपन प्रमाणित कराएगा। टैंकरों से पेयजल आपूर्ति पर निगरानी के लिए अधिकारियों की टीम लगाई गई है।
इन गांव-ढाणियों में टैंकरों से सप्लाई
कुरबड़ा, पुरानाबास, रायपुर पाटन, काचरेड़ा, आगवाड़ी, खादरा, निमोद, भोपालपुरा, बणियाला, महावा, दयाल की नांगल, झालरा, चला, गुहाला, डेहरा, गणेश्वर, मौठूका, नृसिंहपुरी, नापावाली, हीरानगर सहित कई ढाणियों में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है।
पिछले साल के मुकाबले सूखाग्रस्त गांव-ढाणियों की संख्या भी बढ़ी है। पीएचईडी अधिकारियों ने सर्वे कर सूखाग्रस्त गांवों की सूची तैयार की है। नीमकाथाना के 22 सूखाग्रस्त गांव व ढाणियों में 89 टैंकरों के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग पर विभाग का प्रतिनिधि संबंधित गांव-ढाणी में पानी की स्थिति का जायजा लेगा। जरूरत के अनुसार पीएचईडी अधिकारी टैंकरों से पानी सप्लाई की अभिशंषा करेंगे। एसडीएम जेपी गौड़ ने अधिकारियों को निगरानी रखने के निर्देश दिए। स
रपंच, ग्राम सचिव व पटवारी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी सप्लाई का मांग पत्र देंगे। टैंकर से पानी आपूर्तिकर्ता दो स्थानीय लोगों, पार्षद व वार्ड पंच से कूपन प्रमाणित कराएगा। टैंकरों से पेयजल आपूर्ति पर निगरानी के लिए अधिकारियों की टीम लगाई गई है।
इन गांव-ढाणियों में टैंकरों से सप्लाई
कुरबड़ा, पुरानाबास, रायपुर पाटन, काचरेड़ा, आगवाड़ी, खादरा, निमोद, भोपालपुरा, बणियाला, महावा, दयाल की नांगल, झालरा, चला, गुहाला, डेहरा, गणेश्वर, मौठूका, नृसिंहपुरी, नापावाली, हीरानगर सहित कई ढाणियों में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है।