रिपोर्टर- प्रवीण कुमार योगी
पाटन- निकटवर्ती गाँव हसामपुर में नगर के आराध्य देव भगवान श्री नृसिंह बड़े मंदिर में 24 से 28 अप्रेल तक होने वाले इस पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान अनेक विशाल धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
गौरतलब है कि हसामपुर में नृसिंह जयन्ती को त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें आस पास गाँवो के अलावा दूर दराज से भी हजारों की संख्या में महानगरों से भी श्रद्धालु शामिल होते है। इस दौरान दिन रात कार्यक्रम चलता है।
मन्दिर के अन्दर कई तरह के पाठ का लोगों द्वारा सुमरन किया जाता है।गाँव के नवयुवक भक्तो द्वारा मंदिर परिसर व गाँव के मुख्य मार्ग की साफ सफाई व लाईट की व्यवस्था की जा रही है।
नृसिंह सेवा समिति के सदस्यों ने बताया की इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में मंगलवार से अखण्ड राम नाम सकींर्तन, महाभिषेक,श्री रामचरित्रमानस रामायण पाठ, बधाई उत्सव, छप्पन भोग, अखण्ड यग, शोभा यात्रा व मनोरहम झाँकीयां दिखाई जायेगी।प्रत्येक दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अंतिम दिन मेला भरेगा।
अदभुत व अविश्वसनीय होता है यहां का नजारा
मेले की खास बात है कि इसमें पूरी रात को 2 4 मूक झाँकियाँ नृसिहं मैदान में लोगों को दिखाई जाती है। अंतिम अवतार सुबह के समय में बाबा नृसिहं का शेर रूप दिखाया जाता है। जिसको देखने के लिए भारी संख्या में लोग शहरों व गाँवों से पहुँचते है।
इस शेर रूप नृसिहं अवतार को निभाने के लिए एक विशेष व्यक्ति का चुनाव होता है जिसमें लोगों के साथ इतनी भीड़ के बीच खेलने का साहस हो।चेहरे पर शेर का भारी भरकम नकाब पहनाया जाता है। जिसमें कई किलो तक का वजन होता है कुछ देखने के लिए छिद्र भी नहीं होते हैं। भाव भरने तक पाँच छ: लोगों के द्वारा हाथ व कपड़े के सहारे जकड़ लिया जाता है।
इस खेल में पुरुषों के अलावा महिलाएँ बच्चे भी शामिल होते हैं। एेसा कहा जाता है कि उस समय व्यक्ति में शेर का रूप होता है यदि उसे खुला छोड़ दिया जाए तो वह किसी को चीर फाड़ करके किसी की जान भी ले सकता है। इसी उग्र रूप को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती है।
पाटन- निकटवर्ती गाँव हसामपुर में नगर के आराध्य देव भगवान श्री नृसिंह बड़े मंदिर में 24 से 28 अप्रेल तक होने वाले इस पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान अनेक विशाल धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
गौरतलब है कि हसामपुर में नृसिंह जयन्ती को त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें आस पास गाँवो के अलावा दूर दराज से भी हजारों की संख्या में महानगरों से भी श्रद्धालु शामिल होते है। इस दौरान दिन रात कार्यक्रम चलता है।
मन्दिर के अन्दर कई तरह के पाठ का लोगों द्वारा सुमरन किया जाता है।गाँव के नवयुवक भक्तो द्वारा मंदिर परिसर व गाँव के मुख्य मार्ग की साफ सफाई व लाईट की व्यवस्था की जा रही है।
नृसिंह सेवा समिति के सदस्यों ने बताया की इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में मंगलवार से अखण्ड राम नाम सकींर्तन, महाभिषेक,श्री रामचरित्रमानस रामायण पाठ, बधाई उत्सव, छप्पन भोग, अखण्ड यग, शोभा यात्रा व मनोरहम झाँकीयां दिखाई जायेगी।प्रत्येक दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अंतिम दिन मेला भरेगा।
अदभुत व अविश्वसनीय होता है यहां का नजारा
मेले की खास बात है कि इसमें पूरी रात को 2 4 मूक झाँकियाँ नृसिहं मैदान में लोगों को दिखाई जाती है। अंतिम अवतार सुबह के समय में बाबा नृसिहं का शेर रूप दिखाया जाता है। जिसको देखने के लिए भारी संख्या में लोग शहरों व गाँवों से पहुँचते है।
इस शेर रूप नृसिहं अवतार को निभाने के लिए एक विशेष व्यक्ति का चुनाव होता है जिसमें लोगों के साथ इतनी भीड़ के बीच खेलने का साहस हो।चेहरे पर शेर का भारी भरकम नकाब पहनाया जाता है। जिसमें कई किलो तक का वजन होता है कुछ देखने के लिए छिद्र भी नहीं होते हैं। भाव भरने तक पाँच छ: लोगों के द्वारा हाथ व कपड़े के सहारे जकड़ लिया जाता है।
इस खेल में पुरुषों के अलावा महिलाएँ बच्चे भी शामिल होते हैं। एेसा कहा जाता है कि उस समय व्यक्ति में शेर का रूप होता है यदि उसे खुला छोड़ दिया जाए तो वह किसी को चीर फाड़ करके किसी की जान भी ले सकता है। इसी उग्र रूप को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती है।