पाटन-बिहार की ढाणी भाटाल में बिना दहेज शादी भास्कर न्यूज | नीमकाथाना पाटन (बिहार) की ढाणी भाटाल में उपप्रधान सुलक्षणा यादव के देवर अशोक व खारिया निवासी ममता की गुरुवार को बिना दहेज शादी हुई। अशोक और ममता पढ़ रहे हैं।
पिता हनुमानप्रसाद यादव सामान्य कृषक परिवार की तरह परंपरागत तरीके से शादी करना चाहते थे, लेकिन परिवार की सोच फिजूलखर्ची को रोकना, दहेज को रोकना व धर्म के प्रति आस्था रही। दुल्हन ममता के पिता सत्यवीर यादव 24 अप्रैल को तिलक लेकर आए।
शगुन के रूप में दूल्हे अशोक को एक लाख 51 हजार रुपए मिले। मेहमानों व ग्रामीणों की मौजूदगी में अशोक ने परिजनों के साथ शगुन में मिले एक लाख 51 हजार रुपए श्रीनृसिंह मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए दान कर दिए।
बड़े भाई रामजीलाल ने कहा केि अशोक ने शगुन में मिली राशि मंदिर को दान कर समाज के सामने नजीर पेश की है। हमें उम्मीद हैकि इस सराहनीय काम से अन्य लोग भी प्रभावित होंगे। समाज में दहेज जैसी कुरीतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे आने वाली पीढ़ियों को अच्छा संदेश मिलेगा।
मंदिर पुजारी विनोद शर्मा ने कहा कि श्रीनृसिंह मंदिर प्राचीन है। तिलक में मिली शगुन की राशि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए दान कर दूल्हे अशोक ने मिसाल पेश की है। गुरुवार को बिहार के भाटाला से अशोक की बारात खारिया के लिए रवाना हुई। बिना दहेज के अशोक व ममता का विवाह हुआ।
पिता हनुमानप्रसाद यादव सामान्य कृषक परिवार की तरह परंपरागत तरीके से शादी करना चाहते थे, लेकिन परिवार की सोच फिजूलखर्ची को रोकना, दहेज को रोकना व धर्म के प्रति आस्था रही। दुल्हन ममता के पिता सत्यवीर यादव 24 अप्रैल को तिलक लेकर आए।
शगुन के रूप में दूल्हे अशोक को एक लाख 51 हजार रुपए मिले। मेहमानों व ग्रामीणों की मौजूदगी में अशोक ने परिजनों के साथ शगुन में मिले एक लाख 51 हजार रुपए श्रीनृसिंह मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए दान कर दिए।
बड़े भाई रामजीलाल ने कहा केि अशोक ने शगुन में मिली राशि मंदिर को दान कर समाज के सामने नजीर पेश की है। हमें उम्मीद हैकि इस सराहनीय काम से अन्य लोग भी प्रभावित होंगे। समाज में दहेज जैसी कुरीतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे आने वाली पीढ़ियों को अच्छा संदेश मिलेगा।
मंदिर पुजारी विनोद शर्मा ने कहा कि श्रीनृसिंह मंदिर प्राचीन है। तिलक में मिली शगुन की राशि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए दान कर दूल्हे अशोक ने मिसाल पेश की है। गुरुवार को बिहार के भाटाला से अशोक की बारात खारिया के लिए रवाना हुई। बिना दहेज के अशोक व ममता का विवाह हुआ।