सीकर- प्रशासन ने इंटरनेट बंदी को आसान विकल्प बना लिया है। छोटे-छोटे विवादों की स्थिति में ही व्यवस्था के नाम पर इंटरनेट बंद कर दिया जाता है। 2017 में जिले में 15 दिन से ज्यादा इंटरनेट बंद रहा। 2018 में अब तक पांच बार नेटबंदी हो चुकी है। रीट जैसे एग्जाम के लिए भी इंटरनेट बंद कर देते हैं। सीकर जिले में 07 लाख से ज्यादा मोबाइल यूजर हैं। 5000 से ज्यादा ब्रॉडबैंड यूजर हैं, इन्हें नेटबंदी से बाहर रखा जाता है।
इंटरनेट बंद कब-कब
जिले में 2017 में 15 दिन इंटरनेट बंद रहा । शेखावाटी ने 2017 में ही पहली बार नवलगढ़ में होली विवाद को लेकर पहली बार नेटबंदी देखी। सीकर में अभी तक इस वर्ष 05 बार इंटरनेट बंद हाे चुका है।
यह भी गलत
इंटरनेट बंद करने के लिए धारा 144 का बढ़ता उपयोग चिंता का कारण है। यह स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रत्यक्ष उल्लंघन के बराबर है। नेटबंदी से हर साल देशभर में 6485 करोड़ रु. का नुकसान होता है।
नए नियम क्या: राज्य के गृह सचिव के आदेश के बाद इंटरनेट पर पाबंदी लगाई जा सकती है। उनकी अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव आदेश जारी कर सकते हैं, लेकिन 24 घंटे में गृह सचिव 05 बार इंटरनेट बंद हाे की सहमति लेनी होती है।
इंटरनेट बंद कब-कब
जिले में 2017 में 15 दिन इंटरनेट बंद रहा । शेखावाटी ने 2017 में ही पहली बार नवलगढ़ में होली विवाद को लेकर पहली बार नेटबंदी देखी। सीकर में अभी तक इस वर्ष 05 बार इंटरनेट बंद हाे चुका है।
यह भी गलत
इंटरनेट बंद करने के लिए धारा 144 का बढ़ता उपयोग चिंता का कारण है। यह स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रत्यक्ष उल्लंघन के बराबर है। नेटबंदी से हर साल देशभर में 6485 करोड़ रु. का नुकसान होता है।
नए नियम क्या: राज्य के गृह सचिव के आदेश के बाद इंटरनेट पर पाबंदी लगाई जा सकती है। उनकी अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव आदेश जारी कर सकते हैं, लेकिन 24 घंटे में गृह सचिव 05 बार इंटरनेट बंद हाे की सहमति लेनी होती है।