डाबला रेलवे स्टेशन के शौचालय पर लगा रहता है ताला, स्टेशन मास्टर ने कहा शौच करने से शोचालय होता है गन्दा
- अभिमन्यु सिंह
डाबला- एक ओर सरकार खुले में शौच रोकने के लिए हर पब्लिक प्लेस पर शौचालय निर्माण पर करोड़ों की राशि खर्च कर रही है। वहीं डाबला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बनाए गए शोचालय पर ताला लटका रहता हैं।
इससे आसपास के जो ग्रामीण यात्रा करते हैं, उन्हें मुश्किलों से दो-चार होना पड़ता है। मजबूरन शौच के लिए बाहर खुले में जाना पड़ता है जिससे प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ रही हैं। पटरियों पर शौच करना भी कानूनी अपराध है, इस बात को जानते हुए भी स्टेशन मास्टर ने शौचालयों के ताला जड़ रखा है
इस बाबत स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार मीणा,व नरेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की शौच करने से शोचालय गन्दा होता है इसलिए ताला लगा रखा है।
यात्री ग्रामीणों ने बताया की यात्रा के लिए जाते हैं तो महिलाओं को टॉयलेट व शौचालय की बहुत ज्यादा परेशानी होती है। रेलवे स्टेशन मास्टर से बात करते हैं तो बोलते हैं कि सफाई कौन करेगा शौच करना है तो कहीं और जावो। जिससे यात्री बेहद परेशान है।
- अभिमन्यु सिंह
डाबला- एक ओर सरकार खुले में शौच रोकने के लिए हर पब्लिक प्लेस पर शौचालय निर्माण पर करोड़ों की राशि खर्च कर रही है। वहीं डाबला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बनाए गए शोचालय पर ताला लटका रहता हैं।
इससे आसपास के जो ग्रामीण यात्रा करते हैं, उन्हें मुश्किलों से दो-चार होना पड़ता है। मजबूरन शौच के लिए बाहर खुले में जाना पड़ता है जिससे प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ रही हैं। पटरियों पर शौच करना भी कानूनी अपराध है, इस बात को जानते हुए भी स्टेशन मास्टर ने शौचालयों के ताला जड़ रखा है
इस बाबत स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार मीणा,व नरेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की शौच करने से शोचालय गन्दा होता है इसलिए ताला लगा रखा है।
यात्री ग्रामीणों ने बताया की यात्रा के लिए जाते हैं तो महिलाओं को टॉयलेट व शौचालय की बहुत ज्यादा परेशानी होती है। रेलवे स्टेशन मास्टर से बात करते हैं तो बोलते हैं कि सफाई कौन करेगा शौच करना है तो कहीं और जावो। जिससे यात्री बेहद परेशान है।