अलवर- गुजरात के बड़गांव से निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी रविवार को राजस्थान के अलवर जिले में पहुंच गए। जिग्नेश के अचानक अलवर पहुंचने से स्थानीय जिला पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और इंटेलीजेंस अधिकारी भी हरकत में आ गए।
जानकारी के अनुसार अलवर के खैरथल कस्बे में पहुंचकर विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गत 2 अप्रेल को एसटी एससी द्वारा भारत बंद के दौरान हुई हिंसाग्रस्त दलित बस्तियों में पहुंचकर दलित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान जिग्नेश के साथ सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे और दलित नेता डॉक्टर संजय माधव समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
भारत बंद के दौरान हिंसाग्रस्त दलित परिवारों से की मुलाकात
दलित परिवारों से बातचीत के बाद जिग्नेश ने आरोप लगाया कि 2 अप्रेल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने क्रूर रवैया अपनाया। पुलिस ने निर्दोष लोगों को झूठे व गलत मुकदमों में फंसा दिया। वहीं, गोली चलाकर एक युवक की जान ले ली। जो कि गलत तरीका था।
जिग्नेश ने 2 अप्रेल को एनईबी थाने पर पथराव व आगजनी के बाद हुई पुलिस फायरिंग में मारे गए दीपक कुमार के झाड़ोली स्थित घर पहुंचकर भी उसके परिजनों से मुलाकात की। वहां उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए।
बताया जा रहा है कि जिग्नेश सोमवार को जयपुर के हसनपुरा में हटवाड़ा क्षेत्र स्थित किसान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसमें अरुणा रॉय व माकपा नेता विधायक अमराराम समेत अन्य हस्तियां मौजूद रहेंगी।
जानकारी के मुताबिक अलवर में मुलाकात पीड़ित दलित परिवारों को भी जिग्नेश ने सोमवार को आयोजित कार्यक्रम शामिल होने का बुलाया है। जिग्नेश के राजस्थान में अलवर व जयपुर के दौरे को देखते हुए पुलिस पहले ही सतर्क है और जिग्नेश के दौरे पर निगरानी रख रही है।
एक महिने पहले जयपुर एयरपोर्ट पर पुलिस ने नजरबंद कर लिया था
करीब एक माह पहले 15 अप्रेल को नागौर में मेड़ता रोड पर एक सभा में जाने के लिए विधायक जिग्नेश मेवाणी जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा था। तब भी जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने उसे करीब चार घंटे तक नजरबंद रखा। उसे नागौर भी नहीं जाने दिया।
नागौर व जयपुर में धारा 144 लागू होना बताकर पुलिस ने जिग्नेश को पाबंद कर दिया। इससे जिग्नेश को अपने परिचित के यहां ठहरना पड़ा। इसके बाद वह लौट गए थे।
इसी दौरे पर कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा नीमकाथाना में भी धारा 144 सुबह ही लागु कर दी गई थी।
जानकारी के अनुसार अलवर के खैरथल कस्बे में पहुंचकर विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गत 2 अप्रेल को एसटी एससी द्वारा भारत बंद के दौरान हुई हिंसाग्रस्त दलित बस्तियों में पहुंचकर दलित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान जिग्नेश के साथ सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे और दलित नेता डॉक्टर संजय माधव समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
भारत बंद के दौरान हिंसाग्रस्त दलित परिवारों से की मुलाकात
दलित परिवारों से बातचीत के बाद जिग्नेश ने आरोप लगाया कि 2 अप्रेल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने क्रूर रवैया अपनाया। पुलिस ने निर्दोष लोगों को झूठे व गलत मुकदमों में फंसा दिया। वहीं, गोली चलाकर एक युवक की जान ले ली। जो कि गलत तरीका था।
जिग्नेश ने 2 अप्रेल को एनईबी थाने पर पथराव व आगजनी के बाद हुई पुलिस फायरिंग में मारे गए दीपक कुमार के झाड़ोली स्थित घर पहुंचकर भी उसके परिजनों से मुलाकात की। वहां उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए।
बताया जा रहा है कि जिग्नेश सोमवार को जयपुर के हसनपुरा में हटवाड़ा क्षेत्र स्थित किसान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसमें अरुणा रॉय व माकपा नेता विधायक अमराराम समेत अन्य हस्तियां मौजूद रहेंगी।
जानकारी के मुताबिक अलवर में मुलाकात पीड़ित दलित परिवारों को भी जिग्नेश ने सोमवार को आयोजित कार्यक्रम शामिल होने का बुलाया है। जिग्नेश के राजस्थान में अलवर व जयपुर के दौरे को देखते हुए पुलिस पहले ही सतर्क है और जिग्नेश के दौरे पर निगरानी रख रही है।
एक महिने पहले जयपुर एयरपोर्ट पर पुलिस ने नजरबंद कर लिया था
करीब एक माह पहले 15 अप्रेल को नागौर में मेड़ता रोड पर एक सभा में जाने के लिए विधायक जिग्नेश मेवाणी जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा था। तब भी जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने उसे करीब चार घंटे तक नजरबंद रखा। उसे नागौर भी नहीं जाने दिया।
नागौर व जयपुर में धारा 144 लागू होना बताकर पुलिस ने जिग्नेश को पाबंद कर दिया। इससे जिग्नेश को अपने परिचित के यहां ठहरना पड़ा। इसके बाद वह लौट गए थे।
इसी दौरे पर कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा नीमकाथाना में भी धारा 144 सुबह ही लागु कर दी गई थी।
Source- Bhaskar Media Group