स्टेशन पर बैनर-पोस्टर लेकर जुटे युवा, कहा- गले मिलना गलत नहीं, हमें मॉरल पुलिसिंग नहीं चाहिए
कोलकाता में बुधवार को दमदम मेट्रो स्टेशन के बाहर दिन भर युवा लड़के-लड़कियों का जमावड़ा रहा। ये युवा यहां फ्री हग कैंपेन शुरू करने के लिए जुटे थे। इनके हाथों में बैनर- पोस्टर थे, जिस पर फ्री हग कैंपेन और नो मॉरल पुलिसिंग जैसे स्लोगन लिखे थे। ये सभी आपस में गले मिल रहे थे और कई आने- जाने वाले राहगीरों को भी गले लगा रहे थे। ये इनके विरोध का तरीका था।
विरोध सोमवार की घटना का था। सोमवार को रात करीब 10 बजे इसी दमदम मेट्रो स्टेशन में कुछ पैसेंजर ने एक लड़के-लड़की की पिटाई कर दी थी। वजह थी कि वो दोनों मेट्रो में गले मिल रहे थे। भीड़ ने पहले उन्होंने मेट्रो में ही फटकारा और अपशब्द कहे। फिर ज्यों ही अगले स्टेशन दमदम पर ट्रेन रुकी, तो इन दोनों को ट्रेन से उतार दिया और प्लेटफॉर्म पर दोनों की जमकर पिटाई की।
भीड़ में ज्यादातर बुजुर्ग लोग शामिल थे। इसी के विरोध में युवाओं ने फ्री हग कैंपेन चलाया। एक-दूसरे के गले लगे और चेतावनी दी कि जोड़े को पीटने वालों में हिम्मत है तो उन्हें रोककर दिखाएं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि किसी को गले लगाना कोई गलत नहीं हैं।
यह एक दूसरे के प्रति स्नेह दर्शाता है। ऐसे में गले लगने वालों की पिटाई होना शर्मनाक है। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी ट्वीट किया- ‘नफरत भरे दृश्यों की अनुमति है। लेकिन प्यार भरे दृश्य आपत्तिजनक माने जाते हैं।’ वहीं 2 दिन बीत जाने के बाद भी मामले में किसी ने भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
इस बीच कोलकाता मेट्रो रेलवे ने भी अपने फेसबुक पेज पर विवादित पोस्ट कर दिया। लिखा कि- ‘पूरी घटना में पैसेंजर्स की कोई गलती नहीं थी। गलती युवा पीढ़ी की है, जो लगातार अश्लीलता का प्रदर्शन करती रहती है।’ हालांकि कुछ ही देर में ये पोस्ट डिलीट कर दिया गया। नया पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा था- ‘प्यारे पैसेंजर, हम घटना की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। कोलकाता मेट्रो मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ है।’
कोलकाता में बुधवार को दमदम मेट्रो स्टेशन के बाहर दिन भर युवा लड़के-लड़कियों का जमावड़ा रहा। ये युवा यहां फ्री हग कैंपेन शुरू करने के लिए जुटे थे। इनके हाथों में बैनर- पोस्टर थे, जिस पर फ्री हग कैंपेन और नो मॉरल पुलिसिंग जैसे स्लोगन लिखे थे। ये सभी आपस में गले मिल रहे थे और कई आने- जाने वाले राहगीरों को भी गले लगा रहे थे। ये इनके विरोध का तरीका था।
विरोध सोमवार की घटना का था। सोमवार को रात करीब 10 बजे इसी दमदम मेट्रो स्टेशन में कुछ पैसेंजर ने एक लड़के-लड़की की पिटाई कर दी थी। वजह थी कि वो दोनों मेट्रो में गले मिल रहे थे। भीड़ ने पहले उन्होंने मेट्रो में ही फटकारा और अपशब्द कहे। फिर ज्यों ही अगले स्टेशन दमदम पर ट्रेन रुकी, तो इन दोनों को ट्रेन से उतार दिया और प्लेटफॉर्म पर दोनों की जमकर पिटाई की।
भीड़ में ज्यादातर बुजुर्ग लोग शामिल थे। इसी के विरोध में युवाओं ने फ्री हग कैंपेन चलाया। एक-दूसरे के गले लगे और चेतावनी दी कि जोड़े को पीटने वालों में हिम्मत है तो उन्हें रोककर दिखाएं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि किसी को गले लगाना कोई गलत नहीं हैं।
यह एक दूसरे के प्रति स्नेह दर्शाता है। ऐसे में गले लगने वालों की पिटाई होना शर्मनाक है। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी ट्वीट किया- ‘नफरत भरे दृश्यों की अनुमति है। लेकिन प्यार भरे दृश्य आपत्तिजनक माने जाते हैं।’ वहीं 2 दिन बीत जाने के बाद भी मामले में किसी ने भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
इस बीच कोलकाता मेट्रो रेलवे ने भी अपने फेसबुक पेज पर विवादित पोस्ट कर दिया। लिखा कि- ‘पूरी घटना में पैसेंजर्स की कोई गलती नहीं थी। गलती युवा पीढ़ी की है, जो लगातार अश्लीलता का प्रदर्शन करती रहती है।’ हालांकि कुछ ही देर में ये पोस्ट डिलीट कर दिया गया। नया पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा था- ‘प्यारे पैसेंजर, हम घटना की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। कोलकाता मेट्रो मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ है।’