नीमकाथाना- तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में जिला परिषद ने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के मानकों को दरकिनार कर एक्टिविटी के अंकों में गड़बड़ी कर नियुक्ति देने के मामले में जांच की मांग की है।
भूदोली निवासी भंवरसिंह पुत्र रूड़सिंह तंवर ने कलेक्टर से मामले की जांच कराने की मांग रखी है। प्रकरण में जिप सीओ पहले से जांच कर रहे हैं। एक साल बाद भी कोई नतीजा नहीं आया है। अब मुख्यमंत्री को भी कार्रवाई के लिए ज्ञापन भेजा गया है।
भंवरसिंह ने बताया 1995 में 400 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया निकाली गई थी। विभाग नेस्कूल व कॉलेजों में एक्टिविटी के आधार पर बोनस अंक निर्धारित कर दिए। जिप ने मर्जी से बोनस अंकों का निर्धारण कर नियुक्ति दे दी। अंक विभाजन में चूक से कई लोग नियुक्ति से वंचित हो गए।
एनसीसी के सी-सर्टिफिकेट के तीन व उससे छोटे नेशनल लेवल कैंप के पांच अंक निर्धारित कर दिए। एनसीसी के सी-सर्टिफिकेट वाले इससे वंचित हो गए। भंवरसिंह ने बताया कि तीन अंक जोड़ने पर उसकी मेरिट 82.742 बनी। यदि अंकों का विभाजन नियमों के आधार पर होता तो उसे पांच अंक मिलते।
इस आधार पर उसकी मेरिट 84.742 होती। ऐसे में उसे चयनितों में 10 लोगों के ऊपर प्राथमिकता मिलती। भंवरसिंह ने सुगम पोर्टल पर भी शिकायत दी है। फिलहाल जांच पूरी नहीं हुई है। उसने कार्रवाई की मांग पर मुख्यमंत्री व कलेक्टर को भी ज्ञापन भेजा है।
भूदोली निवासी भंवरसिंह पुत्र रूड़सिंह तंवर ने कलेक्टर से मामले की जांच कराने की मांग रखी है। प्रकरण में जिप सीओ पहले से जांच कर रहे हैं। एक साल बाद भी कोई नतीजा नहीं आया है। अब मुख्यमंत्री को भी कार्रवाई के लिए ज्ञापन भेजा गया है।
भंवरसिंह ने बताया 1995 में 400 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया निकाली गई थी। विभाग नेस्कूल व कॉलेजों में एक्टिविटी के आधार पर बोनस अंक निर्धारित कर दिए। जिप ने मर्जी से बोनस अंकों का निर्धारण कर नियुक्ति दे दी। अंक विभाजन में चूक से कई लोग नियुक्ति से वंचित हो गए।
एनसीसी के सी-सर्टिफिकेट के तीन व उससे छोटे नेशनल लेवल कैंप के पांच अंक निर्धारित कर दिए। एनसीसी के सी-सर्टिफिकेट वाले इससे वंचित हो गए। भंवरसिंह ने बताया कि तीन अंक जोड़ने पर उसकी मेरिट 82.742 बनी। यदि अंकों का विभाजन नियमों के आधार पर होता तो उसे पांच अंक मिलते।
इस आधार पर उसकी मेरिट 84.742 होती। ऐसे में उसे चयनितों में 10 लोगों के ऊपर प्राथमिकता मिलती। भंवरसिंह ने सुगम पोर्टल पर भी शिकायत दी है। फिलहाल जांच पूरी नहीं हुई है। उसने कार्रवाई की मांग पर मुख्यमंत्री व कलेक्टर को भी ज्ञापन भेजा है।