पर्यावरण दिवस विशेष: लोगों ने एक बंजर पहाड़ी को कड़ी मेहनत से हराभरा बनाकर पर्यावरण बचाने का दिया संदेश ।
नीमकाथाना- निकटवर्ती ग्राम चला में लोगों की पहल रंग लाई है। यह तस्वीर भोपालपुरा की है। यहां के ग्रामीणों ने एक बंजर पहाड़ी पर खनन रोकने के लिए 800 से ज्यादा छायादार पेड़ लगा दिए। ऐसा करके पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया है।
दरअसल भोपालपुरा की पहाड़ी पर माफिया खनन करना चाहते थे। इसके लिए सरकार ने लीज देने का निर्णय किया। लेकिन ग्रामीण विरोध में उतर गए। कहा, खनन से पर्यावरण दूषित होगा। क्योंकि पहाड़ी आबादी इलाके में है। आखिर चौपाल बैठी। उसमें निर्णय हुआ कि पहाड़ी पर पेड़ लगाएंगे।
सार संभाल की जिम्मेदारी युवाओं ने ली। पेड़ों का जानवर नुकसान नहीं करें, इसके लिए ईंटों की चारदीवारी बना दी। टैंकरोंं से डलवाते है पानी: पहाड़ी के पौधों में पानी टैंकरो से डलवाते है। इसके लिए यहां के नौकरी पेशा लोग आर्थिक सहयोग करते है। 300 रुपए प्रति टैंकर भुगतान करते है।
नीमकाथाना- निकटवर्ती ग्राम चला में लोगों की पहल रंग लाई है। यह तस्वीर भोपालपुरा की है। यहां के ग्रामीणों ने एक बंजर पहाड़ी पर खनन रोकने के लिए 800 से ज्यादा छायादार पेड़ लगा दिए। ऐसा करके पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया है।
दरअसल भोपालपुरा की पहाड़ी पर माफिया खनन करना चाहते थे। इसके लिए सरकार ने लीज देने का निर्णय किया। लेकिन ग्रामीण विरोध में उतर गए। कहा, खनन से पर्यावरण दूषित होगा। क्योंकि पहाड़ी आबादी इलाके में है। आखिर चौपाल बैठी। उसमें निर्णय हुआ कि पहाड़ी पर पेड़ लगाएंगे।
सार संभाल की जिम्मेदारी युवाओं ने ली। पेड़ों का जानवर नुकसान नहीं करें, इसके लिए ईंटों की चारदीवारी बना दी। टैंकरोंं से डलवाते है पानी: पहाड़ी के पौधों में पानी टैंकरो से डलवाते है। इसके लिए यहां के नौकरी पेशा लोग आर्थिक सहयोग करते है। 300 रुपए प्रति टैंकर भुगतान करते है।