जयपुर- जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (जेएमआरसी) लाख कोशिश के बाद भी यात्रिभार नहीं बढ़ा पा रहा। इससे मेट्रो प्रतिमाह करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है। मेट्रो का 50 हजार से कम होता हुआ यात्रीभार 25 हजार तक आ पहुंचा।
जानकारी के मुताबिक जयपुर में 3 जून, 2015 को मेट्रो का शुभारंभ किया गया था। मेट्रो प्रशासन ने संचालन से पूर्व प्रतिदिन एक लाख यात्रियों को यात्रा कराने का दावा कर रहा था, लेकिन संचालन के तीन साल की अवधि में आज तक एक बार भी जेएमआरसी की संख्या के अनुरूप एक लाख यात्रियों ने सफर नहीं किया।
अब रोजाना 25 से 30 हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा कर रहे हैं। शुरुआती दिनों में मेट्रो में करीब 50 हजार से अधिक यात्री सफर करते थे। मेट्रो की लाख कोशिश के बाद भी यात्रीभार नहीं बढ़ा।
फीडर सर्विस भी फेल
मेट्रो की ओर से पिछले दिनों चांदपोल व मानसरोवर स्टेशन से संचालित की गई फीडर सर्विस भी फेल साबित हुई। यह फीडर यात्रियों के नहीं आने के कारण खाली शहर में दौड़ रहे हैं। इनमें सफर करने का मेट्रो प्रशासन ने पांच से 15 रुपए तक किराया रखा है। वहीं मेट्रो प्रशासन की ओर से स्टेशनों पर बनाई गई पार्किंग भी खाली रहती है।
फैक्ट फाइल
-3 जून, 2015 से शुरू जयपुर मेट्रो।
-एक लाख सैंतालीस हजार ट्रेनों ने लगाए फेरे।
-अब तक 2.27 करोड़ यात्री कर चुके हैं सफर।
-प्रतिदिन साढ़े 25 से 30 हजार यात्री करते हैं सफर।
अब रोजाना 25 से 30 हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा कर रहे हैं। शुरुआती दिनों में मेट्रो में करीब 50 हजार से अधिक यात्री सफर करते थे। मेट्रो की लाख कोशिश के बाद भी यात्रीभार नहीं बढ़ा।
फीडर सर्विस भी फेल
मेट्रो की ओर से पिछले दिनों चांदपोल व मानसरोवर स्टेशन से संचालित की गई फीडर सर्विस भी फेल साबित हुई। यह फीडर यात्रियों के नहीं आने के कारण खाली शहर में दौड़ रहे हैं। इनमें सफर करने का मेट्रो प्रशासन ने पांच से 15 रुपए तक किराया रखा है। वहीं मेट्रो प्रशासन की ओर से स्टेशनों पर बनाई गई पार्किंग भी खाली रहती है।
फैक्ट फाइल
-3 जून, 2015 से शुरू जयपुर मेट्रो।
-एक लाख सैंतालीस हजार ट्रेनों ने लगाए फेरे।
-अब तक 2.27 करोड़ यात्री कर चुके हैं सफर।
-प्रतिदिन साढ़े 25 से 30 हजार यात्री करते हैं सफर।