दो कुएं और 40 हैंडपंप सूखे, पांच हजार की आबादी भामाशाहों के सहयोग से आने वाले टैंकरों को देख बर्तन लेकर लगाती है दौड़, फिर भी ज्यादातर रह जाते हैं प्यासे
अजीतगढ़: ये तस्वीर अजीतगढ़ के सांवलपुरा तंवरान की है। यहां पानी के लिए सदा ऐसे ही हालात बने रहते हैं। आबादी पांच हजार की है। कहने को तो गांव में 40 से ज्यादा हैंडपंप और दो बोरिंग हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं है। इससे हालात बिगड़े हुए हैं। नलों में सात दिन में एक बार पानी सप्लाई होता है जो अपर्याप्त है।
केवल एक दो बाल्टी ही भरी जाती है। भामाशाहों के सहयोग से भी टैंकरों द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है। कई ग्रामीण पानी खरीदकर भी पीते हैं। इसके लिए प्रति टैंकर 500 रुपए तक चुकाते हैं। मामले में ग्राम पंचायत कार्रवाई नहीं कर रही है। प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को भी कई बार अवगत कराया गया, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई।
83 लाख की योजना स्वीकृत, पानी नहीं
सांवलपुरा के ग्रामीणों की मांग पर तीन महीने पहले 83 लाख रुपए की पेयजल योजना स्वीकृत हुई, लेकिन अभी योजना पर कार्य शुरू नहीं किया गया, जबकि पूरी गर्मी बीत गई। पानी के लिए यहां के दर्जनों युवको ने कई बार राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज करवाई। लेफिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
7 दिन में एक बार आता है नल
हरिजन बस्ती के पास टैंकर दिखते ही बच्चे दौड़ पड़े। महिलाएं, बच्चे व युवक बर्तन लेकर टैंकर की ओर दौड़े। देखते ही देखते टैंकर में दर्जनों नल डाल दिए गए। 10-15 मिनट में ही टैंकर खाली हो गया। महिलाएं झगड़ने लगी। आधे से ज्यादा बर्तन लोग खाली लेकर गए।
ग्रामीण रणजीत गुर्जर, रामोतार गुर्जर व सांवरमल सैन ने बताया कि पानी की समस्या तीन साल से है। कई बार प्रदर्शन किए गए। रास्ता जाम भी किया। पिछले दिनों सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
साभार- दैनिक भास्कर
अजीतगढ़: ये तस्वीर अजीतगढ़ के सांवलपुरा तंवरान की है। यहां पानी के लिए सदा ऐसे ही हालात बने रहते हैं। आबादी पांच हजार की है। कहने को तो गांव में 40 से ज्यादा हैंडपंप और दो बोरिंग हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं है। इससे हालात बिगड़े हुए हैं। नलों में सात दिन में एक बार पानी सप्लाई होता है जो अपर्याप्त है।
केवल एक दो बाल्टी ही भरी जाती है। भामाशाहों के सहयोग से भी टैंकरों द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है। कई ग्रामीण पानी खरीदकर भी पीते हैं। इसके लिए प्रति टैंकर 500 रुपए तक चुकाते हैं। मामले में ग्राम पंचायत कार्रवाई नहीं कर रही है। प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को भी कई बार अवगत कराया गया, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई।
83 लाख की योजना स्वीकृत, पानी नहीं
सांवलपुरा के ग्रामीणों की मांग पर तीन महीने पहले 83 लाख रुपए की पेयजल योजना स्वीकृत हुई, लेकिन अभी योजना पर कार्य शुरू नहीं किया गया, जबकि पूरी गर्मी बीत गई। पानी के लिए यहां के दर्जनों युवको ने कई बार राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज करवाई। लेफिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
7 दिन में एक बार आता है नल
हरिजन बस्ती के पास टैंकर दिखते ही बच्चे दौड़ पड़े। महिलाएं, बच्चे व युवक बर्तन लेकर टैंकर की ओर दौड़े। देखते ही देखते टैंकर में दर्जनों नल डाल दिए गए। 10-15 मिनट में ही टैंकर खाली हो गया। महिलाएं झगड़ने लगी। आधे से ज्यादा बर्तन लोग खाली लेकर गए।
ग्रामीण रणजीत गुर्जर, रामोतार गुर्जर व सांवरमल सैन ने बताया कि पानी की समस्या तीन साल से है। कई बार प्रदर्शन किए गए। रास्ता जाम भी किया। पिछले दिनों सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
साभार- दैनिक भास्कर