- श्रवण भारद्वाज
नीमकाथाना- सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक है। खनन विभाग का दावा है कि जिले में कहीं भी अवैध बजरी का अवैध खनन नहीं हो रहा है। दैनिक भास्कर टीम ने सात दिन की पड़ताल के बाद रविवार को काटली नदी में मजदूर बन माफिया को ढूंढ़ा था। अब ट्रैक्टर चालक बन खान विभाग के दूसरे क्षेत्र नीमकाथाना में अवैध खनन को ढूंढा।
नदियों और पहाड़ी इलाके में पत्थर को तोड़कर मशीनों से बजरी बनाने की यहां करीब 24 चक्कियां लगी हुई थीं, जहां यह खनन हो रहा था। नीमकाथाना के गांवड़ी-गणेश्वर जोन व पाटन के डाबला, छाजा की नांगल, हसामपुर व दलपतपुरा नदी में हर दिन यह बाजार लगता है। रोक के बावजूद बजरी का अवैध खनन ऐसे हो रहा है, जैसे खुलेआम उत्पाद बेचा जाता हो।
बता दें, पाटन इलाके में खेत से बजरी निकालने पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की मौत तक हो गई थी। मावता क्षेत्र में खनन को लेकर दो भाइयों पर हमला भी हो चुका है। कातली नदी में बजरी के लिए गैंगवार भी हुए, लेकिन भास्कर टीम वहां पहुंची और बजरी खनन की तस्वीरें ढूंढ़ी।
खनन को लेकर मौत और गैंगवार, उसी इलाके में भास्कर रिपोर्टर रहा तीन दिन
भास्कर टीम बजरी का अवैध खनन जानने के लिए तीन दिन तक इलाके में घूमी। खतरा बड़ा था, क्योंकि यहां माफिया हत्या तक कर चुके हैं। गैंगवार भी हुई है। खनन क्षेत्रों तक पहुंचे तो चौंकाने वाली तस्वीर मिली। नदियों में बजरी के ढेर लगे थे। पत्थर से बजरी बनाने के लिए करीब 24 अवैध चक्कियां लगी हुई मिली। यहां बिना रवन्ना के पत्थर आता है। सड़कों पर बजरी से लदे डंपर व ट्रैक्टर-ट्राॅली बड़ी संख्या में थी।
65 क्रेशर तोड़े नदियों में, अब कार्रवाई बंद रेवन्यू, माइनिंग व पुलिस ने पिछले साल डाबला, मोठूका, छाजा की नांगल नदी में कार्रवाई कर 65 बजरी वॉशिंग प्लांट तोड़े। पिछले आठ सालों में करीब पांच बार क्रेशर तोड़ने की कार्रवाई हुई। वॉशिंग प्लांटों को सीज किया गया, लेकिन बजरी का अवैध गोरखधंधा नहीं रुका।
आलाअधिकारियों का क्या कहना है...
हमें कोई शिकायत नहीं मिली : एसडीएम एसडीएम जेपी गौड़ का कहना है कि अवैध बजरी खनन रोकने की जिम्मेदारी माइनिंग विभाग की है। शिकायत मिलने पर पुलिस व माइनिंग विभाग को कार्रवाई के लिए भेजेंगे। अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। नदियों में बजरी प्लांटों को कई बार तोड़ा गया है।
बजरी खनन पूरी तरह बंद है : एएमई एएमई अनिल गुप्ता का कहना है कि बजरी खनन पूरी तरह बंद है। फिलहाल क्रेशर डस्ट सप्लाई हो रहा है। इस पर कोई रोक नहीं है। नदियों से बजरी खनन चोरी-छिपे हो रहा है, इस पर कार्रवाई कर रहे हैं। नवंबर 17 में कई बार गाड़ियां पकड़ी हैं।
नीमकाथाना- सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक है। खनन विभाग का दावा है कि जिले में कहीं भी अवैध बजरी का अवैध खनन नहीं हो रहा है। दैनिक भास्कर टीम ने सात दिन की पड़ताल के बाद रविवार को काटली नदी में मजदूर बन माफिया को ढूंढ़ा था। अब ट्रैक्टर चालक बन खान विभाग के दूसरे क्षेत्र नीमकाथाना में अवैध खनन को ढूंढा।
भास्कर में प्रकाशित खबर |
बता दें, पाटन इलाके में खेत से बजरी निकालने पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की मौत तक हो गई थी। मावता क्षेत्र में खनन को लेकर दो भाइयों पर हमला भी हो चुका है। कातली नदी में बजरी के लिए गैंगवार भी हुए, लेकिन भास्कर टीम वहां पहुंची और बजरी खनन की तस्वीरें ढूंढ़ी।
खनन को लेकर मौत और गैंगवार, उसी इलाके में भास्कर रिपोर्टर रहा तीन दिन
भास्कर टीम बजरी का अवैध खनन जानने के लिए तीन दिन तक इलाके में घूमी। खतरा बड़ा था, क्योंकि यहां माफिया हत्या तक कर चुके हैं। गैंगवार भी हुई है। खनन क्षेत्रों तक पहुंचे तो चौंकाने वाली तस्वीर मिली। नदियों में बजरी के ढेर लगे थे। पत्थर से बजरी बनाने के लिए करीब 24 अवैध चक्कियां लगी हुई मिली। यहां बिना रवन्ना के पत्थर आता है। सड़कों पर बजरी से लदे डंपर व ट्रैक्टर-ट्राॅली बड़ी संख्या में थी।
65 क्रेशर तोड़े नदियों में, अब कार्रवाई बंद रेवन्यू, माइनिंग व पुलिस ने पिछले साल डाबला, मोठूका, छाजा की नांगल नदी में कार्रवाई कर 65 बजरी वॉशिंग प्लांट तोड़े। पिछले आठ सालों में करीब पांच बार क्रेशर तोड़ने की कार्रवाई हुई। वॉशिंग प्लांटों को सीज किया गया, लेकिन बजरी का अवैध गोरखधंधा नहीं रुका।
आलाअधिकारियों का क्या कहना है...
हमें कोई शिकायत नहीं मिली : एसडीएम एसडीएम जेपी गौड़ का कहना है कि अवैध बजरी खनन रोकने की जिम्मेदारी माइनिंग विभाग की है। शिकायत मिलने पर पुलिस व माइनिंग विभाग को कार्रवाई के लिए भेजेंगे। अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। नदियों में बजरी प्लांटों को कई बार तोड़ा गया है।
बजरी खनन पूरी तरह बंद है : एएमई एएमई अनिल गुप्ता का कहना है कि बजरी खनन पूरी तरह बंद है। फिलहाल क्रेशर डस्ट सप्लाई हो रहा है। इस पर कोई रोक नहीं है। नदियों से बजरी खनन चोरी-छिपे हो रहा है, इस पर कार्रवाई कर रहे हैं। नवंबर 17 में कई बार गाड़ियां पकड़ी हैं।
साभार- दैनिक भास्कर