पानी निकासी पर नगर पालिका हर साल फूंकती है दो हजार लीटर डीजल, लेकिन समस्या जस की तस
नीमकाथाना- लगातार चार दिन से हो रही बारिश ने पालिका की ड्रेनेज व सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है। बीते 24 घंटों में नीमकाथाना में 35 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। कई जगह घरों में बारिश का पानी घुस गया। सड़कें लबालब हो गई। चार दिनों से रुक-रुक कर बारिश का दौर चल रहा है।
राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने सड़क पूरी तरह पानी में डूब गई। छावनी जोहड़ भरने के बाद पानी घरों में घुस आया। रात में ही पालिका को पानी निकासी के लिए पंप सेट लगाने पड़े। रातभर लोग घरों से पानी कम होने का इंतजार करते रहे। लोगों ने भी पालिका कार्मिकों की पानी निकासी में मदद की। मानसून के पहले दौर ने ही प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी।
छावनी में ही सड़क धंसने से टैंकर फंस गया। इधर, राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने पानी निकासी के लिए दो पंप सेट लगाए गए हैं। बीते चार दिन से यहां पानी निकासी के लिए पांच कार्मिक काम कर रहे हैं। सड़क पर भरे पानी को पंप के जरिए कॉलेज ग्राउंड में डाला जा रहा है।
वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को मंजूरी, लेकिन काम नहीं
राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने ड्रेनेज सिस्टम पर पालिका प्रशासन गंभीर नहीं है। बारिश के दिनों से पूरा शहर जलभराव से प्रभावित होता है, लेकिन निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं। पिछले तीन सालों से डीपीआर बनाने व वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रयास चल रहे हैं। पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान ने कहा कि छावनी व कॉलेज के सामनेजलभराव की समस्या पुरानी है।
दो-तीन साल से छावनी जोहड़ को गहरा कराने के लिए टेंडर मांगेजा रहे हैं। इसके लिए कोई ठेकेदार तैयार नहीं। यहां इंजीनियर्स जगह नहीं होने से ड्रेनेज सिस्टम की डिजाइन नहीं कर पा रहे हैं। पालिका बोर्ड में कई बार चर्चा हुई है। ड्रेनेज सिस्टम के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। बालाजी नगर अंडरपास में पानी भरने से ग्रामीणों को दो किमी चक्कर लगाना पड़ता है। पालिका बोर्ड बैठक दो जुलाई को होगी।
नीमकाथाना- लगातार चार दिन से हो रही बारिश ने पालिका की ड्रेनेज व सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है। बीते 24 घंटों में नीमकाथाना में 35 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। कई जगह घरों में बारिश का पानी घुस गया। सड़कें लबालब हो गई। चार दिनों से रुक-रुक कर बारिश का दौर चल रहा है।
राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने सड़क पूरी तरह पानी में डूब गई। छावनी जोहड़ भरने के बाद पानी घरों में घुस आया। रात में ही पालिका को पानी निकासी के लिए पंप सेट लगाने पड़े। रातभर लोग घरों से पानी कम होने का इंतजार करते रहे। लोगों ने भी पालिका कार्मिकों की पानी निकासी में मदद की। मानसून के पहले दौर ने ही प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी।
छावनी में ही सड़क धंसने से टैंकर फंस गया। इधर, राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने पानी निकासी के लिए दो पंप सेट लगाए गए हैं। बीते चार दिन से यहां पानी निकासी के लिए पांच कार्मिक काम कर रहे हैं। सड़क पर भरे पानी को पंप के जरिए कॉलेज ग्राउंड में डाला जा रहा है।
वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को मंजूरी, लेकिन काम नहीं
राजकीय एसएनकेपी पीजी कॉलेज के सामने ड्रेनेज सिस्टम पर पालिका प्रशासन गंभीर नहीं है। बारिश के दिनों से पूरा शहर जलभराव से प्रभावित होता है, लेकिन निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं। पिछले तीन सालों से डीपीआर बनाने व वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रयास चल रहे हैं। पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान ने कहा कि छावनी व कॉलेज के सामनेजलभराव की समस्या पुरानी है।
दो-तीन साल से छावनी जोहड़ को गहरा कराने के लिए टेंडर मांगेजा रहे हैं। इसके लिए कोई ठेकेदार तैयार नहीं। यहां इंजीनियर्स जगह नहीं होने से ड्रेनेज सिस्टम की डिजाइन नहीं कर पा रहे हैं। पालिका बोर्ड में कई बार चर्चा हुई है। ड्रेनेज सिस्टम के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। बालाजी नगर अंडरपास में पानी भरने से ग्रामीणों को दो किमी चक्कर लगाना पड़ता है। पालिका बोर्ड बैठक दो जुलाई को होगी।
साभार- दैनिक भास्कर