घाटियाला में एनीकट टूटा, 50 बीघा में 20 लाख की फसल हुई नष्ट

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दरीबा इलाके में पानी के तेज बहाव से मिट्टी का कटाव होने के कारण जमीन में कंकर निकल आए, कई जगह पेड़ भी उखड़ गए

नीमकाथाना- दरीबा इलाके की ढाणी घाटियाला में एनीकट टूटने से पानी खेतों में आ गया। इससे लाखों की फसल का नुकसान हुआ है। खेतों की मिट्टी का कटाव होकर जमीन में कंकरीट निकल गए। इससे दुबारा फसल भी नहीं बोई जा सकती है। जानकारी के मुताबिक एनीकट के पानी से करीब 50 बीघा की खेती में नुकसान हुआ है। कई पेड़ भी उखड़ गए।


दरअसल, बुधवार को हुई भारी बारिश से दरीबा-रायपुर नदी उफान पर थी। ढाणी घाटियाल से टपकेश्वर का पानी रायपुर नदी में जाता है। नदियों के उफान के चलते एनीकट टूट गया। इसकी करीब 30 फीट की दीवार ढह गई। इससे एनीकट का पूरा पानी खेतों में चला गया। सुबह किसानों ने खेतों को संभाला तो उजड़ी फसल देखकर मायूस हो गए।

किसान पूरण गुर्जर ने बताया कि एनीकट टूटने से 10 बीघा की बाजरे की फसल बह गई। वहीं खेत में गहरे गड्ढेहो गए। मिट्टी बह गई। पूरे खेत में कंकरीट दिखने लगी है। यहीं के किसान बजरंगलाल व चंद्राराम गुर्जर के मुताबिक उनके खेत भी नदी किनारे हैं।

एनीकट के पानी से पूरी फसल ही चौपट हाे गई। दुबारा भी फसल नहीं बोई जा सकती। यहां जमीन पथरीली है। अब पूरे खेत में मिट्टी डलवाकर समतलीकरण करवाना होगा। उसके बाद फसल बोई जा सकेगी। लोगों ने जिम्मेदारों से जल्द एनीकट की मरम्मत करवाने की मांग की है।

जीलो बांध की दीवार धंसी

डाबला इलाके के जीलो बांध की दीवार बाहर की तरफ से धंस गई है। इससे नुकसान हो सकता है। हालांकि बांध में पानी का रिसाव नहीं है। इसमें अभी आठ फीट ही पानी की आवक हुई है। अधिक पानी आने से नुकसान की आशंका है। गौरतलब हैकि पहले भी जीलो बांध टूट गया था। उससे पानी दूरदराज के खेतों व घरों तक पहुंच गया था।

फसल चौपट हुई 

किसानों के मुताबिक एनीकट टूटने से करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है। 50 बीघा में बाजरे की फसल खराब हुई है। पशुओं के लिए चारा खरीदना पड़ेगा। खेतों को समतल करवाने पर काफी रुपए खर्चहोंगे। यहां मिट्टी डलवानी होगी। दरीबा के किसानों के खेत नदी किनारे होंने से फसलों को नुकसान अधिक हुआ है। यहां नदी उफान पर थी।

बारिश से अच्छी फसल की उम्मीद जगी थी

 इलाके में हुई जोरदार बारिश से दरीबा के लोगों को अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिर गया। पहले भी एनीकट में पानी आने से किसानों काे अच्छी उपज मिलती थी। अब यहां खेतों की मिट्टी ही बह गई। ग्रामीणों ने बताया कि एनीकट में पानी रहने से कुओं का जलस्तर काफी ऊपर रहता है।


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