नीमकाथाना- खादरा गांव में दूसरे दिन भी कई मकान पानी से घिरे हुए हैं। प्रभावित लोग दूसरों के यहां शरण लिए हुए हैं। कई परिवारों ने टीनशैड में रात गुजारी। उन्हें प्रशासन ने सुरक्षा के लिए घर छोड़ने को कहा है।
ऐसा ही एक परिवार बीरवाला के तेजपाल सैनी का है। वह मजदूरी करता है। बारिश से उनके मकानों मे दरारें आ गई हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। सात साल तक पाई-पाई जोड़ी और मकान बनाए। अभी तो उनके पलस्तर भी नहीं हुआ, लेकिन बारिश से नींव की मिट्टी धंस गई। इससे मकान गिरने के कगार पर हैं।
लोगों की मदद से घर का सामान घर के एक कोने में टीनशैड नीचे रखा गया है। तेजपाल के परिवार ने भी रात टीनशैड के नीचे ही गुजारी। भारी बारिश हुई तो परिवार के रहने का ठिकाना नहीं है। दिनभर ढाणी की महिलाएं हालात जानने यहां आ रही थी।
भावुक हो गई नानची देवी- तेजपाल सैनी की पत्नी नानची देवी हालात बताते हुए रोने लगी। गरीबी का दर्द उनकी आंखों से छलक आया। कहा, अब मकान की मरम्मत कैसे होगी। भास्कर टीम पहुंची तो नानची अपने बेटे व बेटी के साथ टीनशैड के नीचे बैठी थी। दो-तीन महिलाएं सरकार से मदद दिलाने की कहकर आश्वस्त कर रही थी।
ऐसा ही एक परिवार बीरवाला के तेजपाल सैनी का है। वह मजदूरी करता है। बारिश से उनके मकानों मे दरारें आ गई हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। सात साल तक पाई-पाई जोड़ी और मकान बनाए। अभी तो उनके पलस्तर भी नहीं हुआ, लेकिन बारिश से नींव की मिट्टी धंस गई। इससे मकान गिरने के कगार पर हैं।
लोगों की मदद से घर का सामान घर के एक कोने में टीनशैड नीचे रखा गया है। तेजपाल के परिवार ने भी रात टीनशैड के नीचे ही गुजारी। भारी बारिश हुई तो परिवार के रहने का ठिकाना नहीं है। दिनभर ढाणी की महिलाएं हालात जानने यहां आ रही थी।
भावुक हो गई नानची देवी- तेजपाल सैनी की पत्नी नानची देवी हालात बताते हुए रोने लगी। गरीबी का दर्द उनकी आंखों से छलक आया। कहा, अब मकान की मरम्मत कैसे होगी। भास्कर टीम पहुंची तो नानची अपने बेटे व बेटी के साथ टीनशैड के नीचे बैठी थी। दो-तीन महिलाएं सरकार से मदद दिलाने की कहकर आश्वस्त कर रही थी।