नीमकाथाना- गांवड़ी की ढाणी बीरवाला के जंगल में दो पैंथरों के बीच हुए आपसी संघर्ष के बाद एक घायल पैंथर की मौत हो गई। जंगल में लकड़ी लेने गई महिला व युवतियों ने पैंथर का शव देखा। सरपंच श्रवण सैनी की सूचना पर वन अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पशु चिकित्सकों ने बताया कि दो पैंथरों के बीच आपसी संघर्ष में गर्दन टूटने व घायल होने से पैंथर की मौत हुई है। उसके शरीर पर कई जगह दूसरे पैंथर के पंजे की चोट के निशान थे। पैंथर की मौत 24 घंटे पूर्व हुई है।
रेंजर देवेंद्र सिंह ने बताया कि मृत पैंथर के पोस्टमार्टम के बाद रेंज कार्यालय में अंतिम संस्कार कराया गया। बुधवार रात पैंथर ने ढाणी बीरवाला में एक बकरी का शिकार किया। ज्योंही पैंथर पहाड़ी की तरफ चला तो दूसरा पैंथर आ गया। देर रात तक दोनों के बीच संघर्ष चला।
पशु चिकित्सकों की टीम ने बताया कि मौत से पहले पैंथर ने बकरी का शिकार किया था। शिकार को लेकर दोनों पैंथरों के बीच भिड़ंत हुई। आसपास रहने वालों ने भी रात में दहाड़ सुनी थी। मृत पैंथर दो-तीन साल का था। तीन सालों में शिकार के लिए हुए आपसी संघर्ष में आठ पैंथरों की जान चली गई।
शिकार का पीछा करते दो पैंथर कुएं में गिर गए। हालांकि उन्हें निकाल लिया गया। इन सबके बावजूद वन क्षेत्र को संरक्षित करने का प्रयास नहीं हो रहा।
पशु चिकित्सकों ने बताया कि दो पैंथरों के बीच आपसी संघर्ष में गर्दन टूटने व घायल होने से पैंथर की मौत हुई है। उसके शरीर पर कई जगह दूसरे पैंथर के पंजे की चोट के निशान थे। पैंथर की मौत 24 घंटे पूर्व हुई है।
रेंजर देवेंद्र सिंह ने बताया कि मृत पैंथर के पोस्टमार्टम के बाद रेंज कार्यालय में अंतिम संस्कार कराया गया। बुधवार रात पैंथर ने ढाणी बीरवाला में एक बकरी का शिकार किया। ज्योंही पैंथर पहाड़ी की तरफ चला तो दूसरा पैंथर आ गया। देर रात तक दोनों के बीच संघर्ष चला।
पशु चिकित्सकों की टीम ने बताया कि मौत से पहले पैंथर ने बकरी का शिकार किया था। शिकार को लेकर दोनों पैंथरों के बीच भिड़ंत हुई। आसपास रहने वालों ने भी रात में दहाड़ सुनी थी। मृत पैंथर दो-तीन साल का था। तीन सालों में शिकार के लिए हुए आपसी संघर्ष में आठ पैंथरों की जान चली गई।
शिकार का पीछा करते दो पैंथर कुएं में गिर गए। हालांकि उन्हें निकाल लिया गया। इन सबके बावजूद वन क्षेत्र को संरक्षित करने का प्रयास नहीं हो रहा।