- गणेश्वर (उमेश शर्मा)
गणेश्वर के समीप ग्राम आगरी पंचायत के निकट स्थित टपकेश्वर धाम के दोनों बांध क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बरसात का दौर भी शुरू हो चुका है, मानसून सिर पर मंड़रा रहा है दोनों बॉधो की दीवारें क्षतिग्रस्त होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बॉधो के पास 10 फिट के गहरे गढ्ढे भी होने के कारण बाँध से पानी रिसाव होता जिससे यह जल्दी खाली हो जाता है। यहा पर टपकेश्वर धाम से श्रृद्धालु दर्शन के लिये आते है, और साथ ही श्रृद्धालु बाँध कि तरफ भी देखने को जाते है।
➧ ग्रामीणो ने बताया गया कि इन बाँधो का निर्माण करिबन 1996 में हुआ था। इसके बाद बाँधो पर कोई निर्माण कार्य नही करवाया गया। दोनों बाँधो कि हालात बिलकुल ख़राब होकर ये क्षतिग्रत हो चुके है।
➧ पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि कमलेश सैनी ने बताया कि प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बाद भी इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांधों की शिकायत संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ पीएमओ को भी भेज दी गई है, लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी बाँधो की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
➧ लोगों के मुताबिक अगर इन बांधों की मरम्मत के साथ इनकी ऊंचाई को और बढ़ा दिया जाए तो आस-पास के गांव में पानी की समस्या का भी बहुत समाधान हो सकता है। इस बांध का पीनी अधीन ग्राम पंचायत आगरी गणेश्वर टोडा दरीबा दीपावास आदि क्षेत्रों में आता है। अगर इस बांध की मरम्मत हो जाती है तो इन गांवों में पानी की समस्या नहीं आएगी।
आखिर क्यो गहरी नीदं में है अधिकारी
बाँधो को क्षतिग्रत देखते हुए प्रशासन गहरी नीदं में है, अगर बाँधो कि तरफ ध्यान नही दिया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं। फिर आनन फानन में खाना पूर्ति की जाएगी।
बॉधो कि मरम्त हो जाये तो 5 गांवो में नही छाएगा पेयजल संकट
अगर टपकेश्वर के बाँधों का निर्माण हो जाये तो आने वाली बारिश से 5, गांवो कि प्यास बूझ सकती है। गांव गणेश्वर टोड़ा दरिबा आगरी दिपावास इन गांवो में पानी कि समस्या कभी नही आयेगी।
स्पेशल रिपोर्ट- नीमकाथाना न्यूज़
गणेश्वर के समीप ग्राम आगरी पंचायत के निकट स्थित टपकेश्वर धाम के दोनों बांध क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बरसात का दौर भी शुरू हो चुका है, मानसून सिर पर मंड़रा रहा है दोनों बॉधो की दीवारें क्षतिग्रस्त होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बॉधो के पास 10 फिट के गहरे गढ्ढे भी होने के कारण बाँध से पानी रिसाव होता जिससे यह जल्दी खाली हो जाता है। यहा पर टपकेश्वर धाम से श्रृद्धालु दर्शन के लिये आते है, और साथ ही श्रृद्धालु बाँध कि तरफ भी देखने को जाते है।
➧ ग्रामीणो ने बताया गया कि इन बाँधो का निर्माण करिबन 1996 में हुआ था। इसके बाद बाँधो पर कोई निर्माण कार्य नही करवाया गया। दोनों बाँधो कि हालात बिलकुल ख़राब होकर ये क्षतिग्रत हो चुके है।
➧ पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि कमलेश सैनी ने बताया कि प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बाद भी इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांधों की शिकायत संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ पीएमओ को भी भेज दी गई है, लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी बाँधो की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
➧ लोगों के मुताबिक अगर इन बांधों की मरम्मत के साथ इनकी ऊंचाई को और बढ़ा दिया जाए तो आस-पास के गांव में पानी की समस्या का भी बहुत समाधान हो सकता है। इस बांध का पीनी अधीन ग्राम पंचायत आगरी गणेश्वर टोडा दरीबा दीपावास आदि क्षेत्रों में आता है। अगर इस बांध की मरम्मत हो जाती है तो इन गांवों में पानी की समस्या नहीं आएगी।
आखिर क्यो गहरी नीदं में है अधिकारी
बाँधो को क्षतिग्रत देखते हुए प्रशासन गहरी नीदं में है, अगर बाँधो कि तरफ ध्यान नही दिया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं। फिर आनन फानन में खाना पूर्ति की जाएगी।
बॉधो कि मरम्त हो जाये तो 5 गांवो में नही छाएगा पेयजल संकट
अगर टपकेश्वर के बाँधों का निर्माण हो जाये तो आने वाली बारिश से 5, गांवो कि प्यास बूझ सकती है। गांव गणेश्वर टोड़ा दरिबा आगरी दिपावास इन गांवो में पानी कि समस्या कभी नही आयेगी।
स्पेशल रिपोर्ट- नीमकाथाना न्यूज़