जयपुर- पूर्व पंचायती राज मंत्री व विधायक राजेन्द्र राठौड़ और पूर्व सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार के कर्ज माफी को किसानों के साथ धोखा करार दिया है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और कांगे्रस के घोषणा-पत्र में किसानों का समस्त कर्जा माफ करने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। बिना वित्तीय स्वीकृति के मुख्य सचिव के आदेश जारी करना छलावा मात्र है। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरी कर्ज माफी की जगह केवल दो लाख रुपए तक की कर्ज माफी की बात की गई है। इसमें भी मापदंड और पात्रता क्या होगी, नहीं बताया गया है।
किसानों की पूरी कर्ज माफी में उसके सयंत्र, उपकरण इत्यादि के लोन इसमें माफी होंगे या नहीं होंगे। राष्ट्रीय व अन्य बैंकों में कितने किसानों के कर्जे हैं, यह आंकड़ा कहां से सरकार के पास आया, कपोकल्पित 18 हजार करोड़ का लोन माफ करने की बात कह दी गई है। इसका कोई रोड मैप पेश नहीं किया गया है। वित्तीय अनुमोदन नहीं हुआ है, क्योंकि वित्तीय स्वीकृत्ति का कोई क्रमांक का हवाला मुख्य सचिव के पत्र में नहीं है।
सरकार को ना केवल पूरा कर्जा वादे के अनुसार माफ करना चाहिए था, बल्कि पहले केबिनेट का गठन करना चाहिए था, फिर केबिनेट मंजूरी के बाद वित्तीय स्वीकृत्ति जारी होनी चाहिए थी, इसके बाद लोन माफ होना चाहिए था। सारे रुल्स और नियमों को तोड़ा गया है। किसानों के साथ वादाखिलाफी को भाजपा सदन से सड़क तक आंदोलन कर विरोध जताएगी।
मेघवाल के विधायक आवास आवंटन को बताया सही
राठौड़ ने निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के नए चुन कर आए विधायकों को आवास आवंटित करने के मामले में पूछे सवाल पर कहा कि भाजपा नियमों के तहत ऐसा किया जा सकता है। पहले भी ऐसा होता आया है। उन्होंने कहा कि पूर्व गहलोत सरकार के वक्त विधानसभा अध्यक्ष रहे दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने भी ऐसा ही किया था।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और कांगे्रस के घोषणा-पत्र में किसानों का समस्त कर्जा माफ करने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। बिना वित्तीय स्वीकृति के मुख्य सचिव के आदेश जारी करना छलावा मात्र है। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरी कर्ज माफी की जगह केवल दो लाख रुपए तक की कर्ज माफी की बात की गई है। इसमें भी मापदंड और पात्रता क्या होगी, नहीं बताया गया है।
सरकार को ना केवल पूरा कर्जा वादे के अनुसार माफ करना चाहिए था, बल्कि पहले केबिनेट का गठन करना चाहिए था, फिर केबिनेट मंजूरी के बाद वित्तीय स्वीकृत्ति जारी होनी चाहिए थी, इसके बाद लोन माफ होना चाहिए था। सारे रुल्स और नियमों को तोड़ा गया है। किसानों के साथ वादाखिलाफी को भाजपा सदन से सड़क तक आंदोलन कर विरोध जताएगी।
मेघवाल के विधायक आवास आवंटन को बताया सही
राठौड़ ने निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के नए चुन कर आए विधायकों को आवास आवंटित करने के मामले में पूछे सवाल पर कहा कि भाजपा नियमों के तहत ऐसा किया जा सकता है। पहले भी ऐसा होता आया है। उन्होंने कहा कि पूर्व गहलोत सरकार के वक्त विधानसभा अध्यक्ष रहे दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने भी ऐसा ही किया था।