नीमकाथाना न्यूज़- भारत सरकार द्वारा नाटापन, दुबलापन एवं कुपोषण की दर में कमी लाने एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरु किया गया है। इसके माध्यम से कुपोषण के कलंक को मिटाने हेतु इस अभियान को एक जन आंदोलन के रुप में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत बुधवार को ब्लाॅक के सभी 240 आंगनबाडी केन्द्रों पर सुपोषण दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम भूदोली व हीरानगर के आंगनबाडी केन्द्रों पर आयोजित हुआ। राष्ट्रीय पोषण मिशन के संबंध में चर्चा करते हुए ब्लाॅक काॅर्डिनेटर अंषुल श्रीवास्तव ने उपस्थित जन साधारण को कुपोषण के विविध रुपों के संबंध में जानकारी देते हुए आगाह किया कि गर्भावस्था में रहे कुपोषण के भयावह परिणाम होते है जो हमारी आने वाली पीढियों को भुगतने पडते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक प्रतिनिधि राधेष्याम शर्मा ने पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य वद्र्वक भोजन के महत्व पर प्रकाष डाला। उन्होने बताया कि हमारे आस-पास के परिवेष में बहुत से सस्ते अनाज व सब्जियां हैं जिनका प्रयोग हम आधुनिकता के चक्कर में छोड चुके हैं, जबकि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होती है।
सीडीपीओ संजय चेतानी ने सुपोषण दिवस के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि बच्चे के गर्भ में आने से लेकर एक हजार दिन तक की अवधि अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है, इस अवधि में बच्चे के अस्सी प्रतिषत न्यूरोन्स का विकास होता है अतः यदि इस अवधि में बच्चा कुपोषित रह जाता है तो फिर संपूर्ण जीवन काल में वह इसके दुष्प्रभावों से उभर नही पाता।
कार्यक्रम के अंत में भूदोली केन्द्र पर महिला पर्यवेक्षक बबीता कुमावत के सहयोग से कुछ जरुरत मंद बच्चों को स्वेटरों का वितरण भी किया गया। फोटो02 नीमकाथाना में ब्लाॅक के सभी 240 आंगनबाडी केन्द्रों पर सुपोषण दिवस का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत बुधवार को ब्लाॅक के सभी 240 आंगनबाडी केन्द्रों पर सुपोषण दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम भूदोली व हीरानगर के आंगनबाडी केन्द्रों पर आयोजित हुआ। राष्ट्रीय पोषण मिशन के संबंध में चर्चा करते हुए ब्लाॅक काॅर्डिनेटर अंषुल श्रीवास्तव ने उपस्थित जन साधारण को कुपोषण के विविध रुपों के संबंध में जानकारी देते हुए आगाह किया कि गर्भावस्था में रहे कुपोषण के भयावह परिणाम होते है जो हमारी आने वाली पीढियों को भुगतने पडते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक प्रतिनिधि राधेष्याम शर्मा ने पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य वद्र्वक भोजन के महत्व पर प्रकाष डाला। उन्होने बताया कि हमारे आस-पास के परिवेष में बहुत से सस्ते अनाज व सब्जियां हैं जिनका प्रयोग हम आधुनिकता के चक्कर में छोड चुके हैं, जबकि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होती है।
सीडीपीओ संजय चेतानी ने सुपोषण दिवस के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि बच्चे के गर्भ में आने से लेकर एक हजार दिन तक की अवधि अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है, इस अवधि में बच्चे के अस्सी प्रतिषत न्यूरोन्स का विकास होता है अतः यदि इस अवधि में बच्चा कुपोषित रह जाता है तो फिर संपूर्ण जीवन काल में वह इसके दुष्प्रभावों से उभर नही पाता।
कार्यक्रम के अंत में भूदोली केन्द्र पर महिला पर्यवेक्षक बबीता कुमावत के सहयोग से कुछ जरुरत मंद बच्चों को स्वेटरों का वितरण भी किया गया। फोटो02 नीमकाथाना में ब्लाॅक के सभी 240 आंगनबाडी केन्द्रों पर सुपोषण दिवस का आयोजन किया गया।