नीमकाथाना-उच्चतम न्यायालय द्वारा एसएलपी खारिज करने को लेकर युवाओं ने गुरूवार को उपखण्ड अधिकारी नरेश सिंह तंवर को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत करवाते हुए छात्रनेता रविपाल वर्मा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 13 पांइट रोस्टर के खिलाफ यूजीसी और एमएचआरडी द्वारा एसएलपी खारिज करने पर विश्वविद्य़ालय में सहायक प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया में इलाहबाद उच्च न्यायालय द्वारा सुझाव दिया गया कि विभागवार 13 रोस्टर प्रणाली हो गई हैं। जो उच्च शिक्षण संस्थाओं में समाज के निचलने स्तर के एसटी-एससी, ओबीसी व विकलांगों के प्रतिनिधित्व व मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं।
नीमकाथाना में छात्रनेता रविपाल वर्मा के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए। |
जबकि विश्वविद्यालयों में एसटी-एससी, ओबीसी व विकलांगों के सवैधानिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया के लिए दो सौं रोस्टर प्रणाली लागू किया गया हैं। जिसके तहत विश्वविद्यालय, काॅलेज, संस्थाओं को ईकाई मानते हुए लगभग 40.50 प्रतिशत पद आरक्षित किया जाता है। लेकिन 13 रोस्टर के कारण एसटी-एससी, ओबीसी व विकलांगों के प्रतिनिधित्व नगण्य हो जाती हैं। जिसको लेकर दो सौ रोस्टर को शैक्षिक पदो ंके लिए अध्याधेश बिल के द्वारा पुनः बहाल किया जावें।
अध्याधेश बिल सभी शैक्षिक पदों और देश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जावें। उच्च शिक्षण संस्थाओं में कई वर्षो से एसटी-एससी, ओबीसी के शिक्षकों के रिक्त पदों व बैक लोग पदों को तत्काल भरा जावें। और स्थाई नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल की जावें। अध्याधेश के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थाओं में एसटी-एससी, ओबीसी वर्ग को वाईस चांसलर निदेशक प्रिसिंपल के पदों पर भी आरक्षण प्रदान किया जावें। जल्द लागू नहीं किया गया तो बडे़ स्तर पर आंदोलन किया जावेगा। इस दौरान युवा नेता आशु अम्बेडकर, जितेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र कटारिया, जितेन महावा, कमलेश सोलेरा, निर्मल इमलोहा, युवा नेता अजय कुमार टांक, कोशल किलानियां, राहुल नायक, नरेन्द्र वर्मा, छात्र नेता विक्कीराज डूमोलिया, जितेन्द्र सिंह रछोया, विजय पालीवाल, अभिषेेक चोहान सहित कई लोग मौजूद रहे।