नीमकाथाना न्यूज़- राजस्थान में विधानसभा चुनावों के पूर्व किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करने की कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी। उसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने वादा खिलाफी करते हुए सम्पूर्ण कर्जा माफ नहीं करके विभिन्न शर्ते लगाकर कर्जा माफी का आदेश निकाला।
जिसपर भारत की कम्यूनिष्ट पार्टी ने उपखण्ड क्षेत्र के दलपतपुरा, धांधेला, मावण्डा, चला, ठिकरिया, राजपुरा, गोड़ावास, टोड़ा, दरीबा, झालरा, रामपुरा बेगा की नांगल, नाथा की नांगल, सिरोही, बासड़ी खुर्द, झीराना सहित अनेक गांवों में किसानों व आम नागरिकों ने विरोध प्रर्दशन करके आमसभा आयोजित की।
सरपंच गौपाल सैनी ने बताया कि कांग्रेस सम्पूर्ण कर्ज माफी का वादा करके सता में आ गई लेकिन कर्ज माफ नहीं किया साथ ही नए बेरोजगारों को भी 35 सौ रूपये भता भी नहीं दिया गया। भाजपा-कांग्रेस पार्टियां किसान, नौजवान व मजदूर विरोधी हैं और उनके साथ खिलवाड़ कर रही हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जावेगा।
जिसपर चुनावी घोषणा पत्रों की होली जलाई गई। कामरेड एडवोकेट रामावतार लाम्बा ने बताया कि कामरेड़ रतन सिंघल, सरदार सैनी, फूलचंद वर्मा, झाबरमल वर्मा, लखनलाल सैनी, रोशन गुर्जर सहित अनेक किसान नेताओं ने गंावों में आयोजित विरोध सभाओं का नेतृत्व किया। इस दौरान बंशीधर सैनी, रामावतार सैनी, गोकुल, श्यामलाल सैनी, सुरेश सैनी, शिंभूदयाल यादव, सुभाष सैनी, रमेश सैनी, हंसराज सैनी, पतासी देवी, मीना देवी, सरिता देवी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जिसपर भारत की कम्यूनिष्ट पार्टी ने उपखण्ड क्षेत्र के दलपतपुरा, धांधेला, मावण्डा, चला, ठिकरिया, राजपुरा, गोड़ावास, टोड़ा, दरीबा, झालरा, रामपुरा बेगा की नांगल, नाथा की नांगल, सिरोही, बासड़ी खुर्द, झीराना सहित अनेक गांवों में किसानों व आम नागरिकों ने विरोध प्रर्दशन करके आमसभा आयोजित की।
सरपंच गौपाल सैनी ने बताया कि कांग्रेस सम्पूर्ण कर्ज माफी का वादा करके सता में आ गई लेकिन कर्ज माफ नहीं किया साथ ही नए बेरोजगारों को भी 35 सौ रूपये भता भी नहीं दिया गया। भाजपा-कांग्रेस पार्टियां किसान, नौजवान व मजदूर विरोधी हैं और उनके साथ खिलवाड़ कर रही हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जावेगा।
जिसपर चुनावी घोषणा पत्रों की होली जलाई गई। कामरेड एडवोकेट रामावतार लाम्बा ने बताया कि कामरेड़ रतन सिंघल, सरदार सैनी, फूलचंद वर्मा, झाबरमल वर्मा, लखनलाल सैनी, रोशन गुर्जर सहित अनेक किसान नेताओं ने गंावों में आयोजित विरोध सभाओं का नेतृत्व किया। इस दौरान बंशीधर सैनी, रामावतार सैनी, गोकुल, श्यामलाल सैनी, सुरेश सैनी, शिंभूदयाल यादव, सुभाष सैनी, रमेश सैनी, हंसराज सैनी, पतासी देवी, मीना देवी, सरिता देवी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।