विगत भाजपा शासनकाल का हैं मामला
नीमकाथाना- राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर ने शिक्षक संघ के जिलामंत्री के स्थानान्तरण आदेश को स्थगन आदेश किया गया।
अधिवक्ता विद्युत गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत भाजपा शासनकाल में खण्डेला विधानसभा क्षेत्र के शिक्षक संघ के जिला मंत्री वरिष्ठ अध्यापक नागरमल गढ़वाल नीमेड़ा ग्राम ने भाजपा शासन के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के निवास स्थान पर शिक्षकों को साथ लेकर स्थानान्तरणों में भारी अनियमितताओं व भ्रष्ट्राचार में अपनी मांग का प्रर्दशन किया गया था। जिसपर नाराज भाजपा शासकों ने राजनीति की आड़ में अध्यापक गढ़वाल का नीमेड़ा से झाड़ली स्थानान्तरण कर दिया गया। उसके बाद गढ़वाल ने अधिवक्ता विद्युत गुप्ता के जरिये मिनी सचिवालय जयपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिग्रहण के यहां याचिका पेश की गई। जिसपर उक्त प्रकरण में अध्यापक के स्थानान्तरण पर स्थगन आदेश जारी किया गया। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी चुरू ने अध्यावेदन को खारिज कर दिया।
परिवादी ने पुनः राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिग्रहण के यहां दस्तावेज पेश किये। जिसपर स्थगन आदेश खारिज कर दिया गया। अध्यापक गढ़वाल ने उक्त प्रकरण को लेकर अधिवक्ता गुप्ता के जरिये राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की। अधिवक्ता ने न्यायालय को ठोस सबूत पेश करते हुए स्थानान्तरण आदेश पर स्थगन आदेश की गुहार लगाई।
न्यायालय में अधिवक्ता ने बताया कि प्रधान गोवर्धन वर्मा द्वारा लिखित पत्र भाजपा शासकों को देकर अध्यापक के विरूद्व लिखा की उक्त अध्यापक कांग्रेस विचारधारा का हैं जिसका स्थानान्तरण करना आवश्यक हैं जिससे विस चुनावों में भाजपा को नुकसान होगा। न्यायालय ने उक्त प्रकरण को सुनकर राजनेतिक षडयंत्र मानते हुए स्थानान्तरण आदेश पर स्थगन आदेष दे दिया।
नीमकाथाना- राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर ने शिक्षक संघ के जिलामंत्री के स्थानान्तरण आदेश को स्थगन आदेश किया गया।
अधिवक्ता विद्युत गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत भाजपा शासनकाल में खण्डेला विधानसभा क्षेत्र के शिक्षक संघ के जिला मंत्री वरिष्ठ अध्यापक नागरमल गढ़वाल नीमेड़ा ग्राम ने भाजपा शासन के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के निवास स्थान पर शिक्षकों को साथ लेकर स्थानान्तरणों में भारी अनियमितताओं व भ्रष्ट्राचार में अपनी मांग का प्रर्दशन किया गया था। जिसपर नाराज भाजपा शासकों ने राजनीति की आड़ में अध्यापक गढ़वाल का नीमेड़ा से झाड़ली स्थानान्तरण कर दिया गया। उसके बाद गढ़वाल ने अधिवक्ता विद्युत गुप्ता के जरिये मिनी सचिवालय जयपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिग्रहण के यहां याचिका पेश की गई। जिसपर उक्त प्रकरण में अध्यापक के स्थानान्तरण पर स्थगन आदेश जारी किया गया। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी चुरू ने अध्यावेदन को खारिज कर दिया।
परिवादी ने पुनः राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिग्रहण के यहां दस्तावेज पेश किये। जिसपर स्थगन आदेश खारिज कर दिया गया। अध्यापक गढ़वाल ने उक्त प्रकरण को लेकर अधिवक्ता गुप्ता के जरिये राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की। अधिवक्ता ने न्यायालय को ठोस सबूत पेश करते हुए स्थानान्तरण आदेश पर स्थगन आदेश की गुहार लगाई।
न्यायालय में अधिवक्ता ने बताया कि प्रधान गोवर्धन वर्मा द्वारा लिखित पत्र भाजपा शासकों को देकर अध्यापक के विरूद्व लिखा की उक्त अध्यापक कांग्रेस विचारधारा का हैं जिसका स्थानान्तरण करना आवश्यक हैं जिससे विस चुनावों में भाजपा को नुकसान होगा। न्यायालय ने उक्त प्रकरण को सुनकर राजनेतिक षडयंत्र मानते हुए स्थानान्तरण आदेश पर स्थगन आदेष दे दिया।