शनिवार सुबह भगवान नृसिंह को नगर भ्रमण करवाया
पाटन-हसामपुर कस्बे में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भगवान नृसिंह का लीला महोत्सव शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सूर्योदय तक मनाया गया | लीला महोत्सव का आयोजन 400 सालों से चला आ रहा है |पंडित राजेश स्वामी के अनुसार बिशन दास जी महाराज सन 1440 नृसिंह मंदिर की स्थापना की | इसके बाद हर वर्ष भगवान नृसिंह जी की लीला का आयोजन होता है|
लीला को लेकर करीब 1 माह पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। लीला महोत्सव को नृसिंह चौक में मनाया जाता है। नृसिंह लीला के आयोजन में मंदिर की सेवा समिति और ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शाम के समय शुरू होने वाली नृसिंह लीला का मुंकाभिनय मंचन रात भर चला।
हसामपुर निवासी पत्रकार प्रवीण कुमार योगी ने बताया कि वैदिक काल से जुड़े मूक अभिनय का इतिहास चार सौ साल पुराना है। रात भर चलने वाले मुकभिनय मैं रथ यात्रा के रूप में भगवान विष्णु के 24 अवतारों की झांकी सजाई गई। काल में भगवान नृसिंह का प्राकट्य होना हुआ एवं नगर दर्शन कर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया गया। भगवान ने भक्तों की भीड़ के साथ करीब एक घंटे तक दर्शन करवाया। नृसिंह लीला महोत्सव को देखने के लिए कस्बे के प्रवासी नागरिक भी शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में हसामपुर आते हैं।
लीला को लेकर करीब 1 माह पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। लीला महोत्सव को नृसिंह चौक में मनाया जाता है। नृसिंह लीला के आयोजन में मंदिर की सेवा समिति और ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शाम के समय शुरू होने वाली नृसिंह लीला का मुंकाभिनय मंचन रात भर चला।
हसामपुर निवासी पत्रकार प्रवीण कुमार योगी ने बताया कि वैदिक काल से जुड़े मूक अभिनय का इतिहास चार सौ साल पुराना है। रात भर चलने वाले मुकभिनय मैं रथ यात्रा के रूप में भगवान विष्णु के 24 अवतारों की झांकी सजाई गई। काल में भगवान नृसिंह का प्राकट्य होना हुआ एवं नगर दर्शन कर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया गया। भगवान ने भक्तों की भीड़ के साथ करीब एक घंटे तक दर्शन करवाया। नृसिंह लीला महोत्सव को देखने के लिए कस्बे के प्रवासी नागरिक भी शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में हसामपुर आते हैं।