पाटन--पाटन एंव हसामपुर में लाल मुंह के बंदरों द्वारा भारी उत्पात किया जा रहा है। यह उत्पात कम होने के बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। बन्दरो द्वारा धरो एंव दुकानो में धुसकर उत्पात मचाया जा रहा है। बंदरों के उत्पात से गांव के लोग एंव महिलाए तथा बच्चे, दुकानदार बहुत भयभीत व परेशान हैं। ये बंदर घरों की छतों से कपड़े, घरों आंगन में रखा सामान एवं खाद्य सामग्री भी उठाकर ले जाते हैं। वहीं करीब आधा दर्जन महिलाओं और बच्चों को काट कर घायल कर चुके हैं पिछले एक महीने के दौरान करीब आठ लोगों को काट खाया है। नागरिकों, महिलाओं एवं बच्चों में भय का वातावरण बना हुआ है।
छत पर डाले कपड़े भी सुरक्षित नहीं -लोग घर की छत पर कपड़े सूखाने के लिए डालते हैं, तो बंदर कपड़े तक ले उड़ते हैं। एक घर के कपड़े दूसरी गली में मिलते हैं और लोग अपने पड़ोसियों से पूछते नजर आते हैं कि हमारे कपड़े तो नहीं आए।
घायल बुजुर्ग |
बंदरों के उत्पात से लोग परेशान-
पाटन व हसामपुर में इन दिनों बंदरों की ज्यादा संख्या होने से कस्बेवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हसामपुर निवासी रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके मोहल्ले में दो माह से बंदरों ने बहुत ज्यादा उत्पात मचाया हुआ है। उनके पिताजी को बन्दर ने घर में घुसकर काट लिया है दूसरी एक पडौस की महिला को भी काट खाया है। जब वो गांव के ही अस्पताल में गये तो डॉक्टर ने बताया कि यह मेरे पास आठवा केस है। बहुत ही जल्दी इन पर काबू पाया जाना चाहिए। रवि कुमार ने साथ ही बताया की इस के इलाज के लिए अस्पताल में भी कोई सही सुविधा नहीं है। इसलिए मजबूरन दूसरे शहरों के अस्पताल में जाना पड़ता है । यहां बंदरों के झुंड सारा दिन हुड़दंग मचाते रहते हैं। बंदर घरों के अंदर घुसकर खानपान के
सामान के अलावा कपड़े तक उठा ले जाते हैं। बंदरों से मोहल्ले के दुकानदार भी परेशान हैं। पलक झपकते ही यह बंदर दुकानों से सामान उठाकर ले जाते हैं। अगर इन बंदरों को डराने या भगाने का प्रयास किया जाए तो उल्टा यह बंदर धमकाने वालों को ही घुड़क देते हैं। मोहल्ला वासियों ने इन बंदरों से मुक्ति दिलवाने की मांग की है।