नीमकाथाना/पाटन--केंद्र सरकार द्वारा चलाया गया 10 का सिक्का ग्रामीण क्षेत्रों में चलन से बाहर होता हुआ नजर आ रहा है।₹10 के सिक्के को मैं तो दुकानदार लेते हैं और ना ही रोडवेज के परिचालक स्वीकार करते हैं जबकि यह सिक्का केंद्र सरकार द्वारा चलाया गया है। अशोक कुमार योगी ने बताया की मैं पाटन से कोटपूतली जा रहा था तो परिचालक को मैंने ₹10 का सिक्का जब किया तो परिचालक लालचंद ने ₹10 का सिक्का लेने से इंकार कर दिया इस पर मैंने कोटपूतली डिपो मैनेजर से बात कर गाड़ी नंबर RJ21 PA1976 के परिचालक लाल चंद का नाम बताते हुए कहा की परिचालक ₹10 का सिक्का स्वीकार नहीं कर रहा है। इस पर कोटपूतली डिपो मैनेजर ने योगी से कहा की आप डिपो में आकर अपने सिक्के जमा करवा दें,मेरे परिचालक से इस बारे में कोई बात नहीं करें।
वही परिचालक लालचंद में अशोक कुमार योगी के साथ अभद्रता करते हुए कहा कि आप इस बारे में किसी को भी शिकायत करें मेरा कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है। ध्यान देने वाली बात है कि ₹10 का सिक्का केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है परंतु सिक्के को नहीं लेना अपने आप में केंद्र सरकार व भारतीय मुद्रा का अपमान करना होता है।
डिपो मैनेजर के अनुसार---इस बारे में जब कोटपूतली डिपो मैनेजर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ₹10 का सिक्का कोई चलन से बाहर नहीं हुआ है, मेरे पास यात्री का समाचार आया था मैंने मेरे परिचालक को सिक्का लेने की बात कही थी परंतु उसने लिया या नहीं लिया यह मुझे पता नहीं है। इसके लिए मैंने आदेश जारी कर दिए हैं सभी परिचालक यात्रियों से ₹10 का सिक्का लेंगे उनको मना नहीं करेंगे तथा नहीं कोई परिचालक यात्रियों के साथ किसी तरह की कोई अभद्रता करेगा अगर परिचालकों की शिकायत हमें मिलेगी तो परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।