पाटन- कहने को तो पाटन ग्राम पंचायत उप तहसील भी है परंतु पाटन बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं है। यात्रियों के लिए बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से यात्री इस भयंकर गर्मी में काफी परेशान रहते हैं। बारिश, सर्दी, गर्मी के मौसम मे यात्रियों को यात्रा करने के दौरान बस स्टैंड पर इधर उधर बैठकर बस का इंतजार करना पड़ता हैं ऐसे में कई बार यात्रियों को दुकानदार भी अपनी कुर्सियों पर बैठने से मना कर देते हैं। जब से पाटन मे बाईपास बना है उसके बाद की स्थिति तो ऐसी हो गई है की बसों का पता ही नहीं चलता कि वह बस स्टैंड तिराहे पर पहुंचेगी या वह बस धांधेला वाले रोड से निकल रही है। जिस कारण यात्री अपनी बसों को पकड़ने के लिए इधर-उधर भागते रहते हैं।
पंचायत की साधारण सभा में उठा मुद्दा- इस बारे में पूर्व में भी पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में यह मांग उठाई गई थी की बसों के लिए एक जगह फिक्स करवाई जाए जिससे यात्री परेशान ना हो। पंचायत समिति द्वारा प्रस्ताव की कॉपी कोटपूतली डिपो, सीकर डिपो व जयपुर डिपो के महाप्रबंधक को भेजी गई तथा बसों को पाटन बस स्टैंड तिराहे पर रुकने के लिए निर्देशित किया गया। उसके बावजूद भी अधिकांश रोडवेज बसें धांधेला रोड होते हुए आवागमन करती है।
इन जगहों पर नही है व्यवस्था-पाटन बस स्टैंड पर चार जगह ऐसी है जहां से यात्रियों को बसें पकड़नी होती है पाटन बस स्टैंड तिराहे पर जिन लोगों को दिल्ली सीकर जाना होता है उन लोगों को वहां खड़ा होना पड़ता है वही दूसरी सड़क धांधेला जाने वाली सड़क है जिधर से अधिकांश बसें आवागमन करती हैं, तीसरा डाबला नारनौल जाने वाले यात्रियों को डाबला रोड पर खड़ा रहना पड़ता है चौथा रामपुरा, मोठूका, नांगल चौधरी जाने वाले लोगों को करजो रोड पर खड़ा रहना पड़ता है इन चारों जगहों पर यात्रियों के लिए बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रधानमंत्री की पहल भी फैल- देखने की बात यह भी है हमारे देश के प्रधानमंत्री द्वारा जो पहल शुरू की गई है कि कोई भी व्यक्ति हो या महिला खुले में शौच आदि ना करें परंतु नीमकाथाना रोड पर जिधर से अधिकांश बसें दिल्ली सीकर के लिए निकलती है उसे धांधेला वाली रोड पर महिलाओं के लिए कोई भी शौचालय नहीं होने से महिलाओं को खुले में शौच आदि करना पड़ता है जिससे उनकी इज्जत भंग होने का खतरा बना रहता है। यात्रियों के लिए बैठने की सुविधा नहीं होने के कारण यात्री काफी परेशान रहते हैं।
इनका कहना--
पाटन सरपंच प्रहलादराय योगी का कहना है की पाटन बस स्टैंड पर कोई जगह चिन्हित नहीं होने के कारण से यात्रियों की बैठने के लिए कोई सुविधा नहीं बना सके। इसके पीछे कारण यह रहा है मेन रोड पर दुकानें बनी हुई है जिस कारण जगह चिन्हित नहीं हो सकती, इसके लिए सब मिलकर कोई सुझाव दें जिससे उस पर कोई निर्णय लिया जा सके।
समाजसेवक महावीर सिंह राव का कहना है कि बसों का ठहराव निश्चित हो तथा राजस्थान पथ परिवहन विभाग द्वारा यात्रियों के बैठने के लिए सेट बनवाए जिससे यात्रियों को राहत मिल सके। आसपास क्षेत्र के हजारों लोग यात्रा के लिए पाटन आते हैं परंतु बैठने की जगह नहीं होने के कारण यात्री इधर-उधर घूमते रहते हैं।
विजेंद्र सिंह तंवर सरपंच ग्राम पंचायत हसामपुर का कहना है की हसामपुर बस स्टैंड पर भी यात्रियों के लिए बैठने की कोई सुविधा नहीं है इसके लिए स्टेट हाईवे वालों को लिखा था तथा ग्राम सभा में प्रस्ताव भी लिया गया था जिसका जवाब अभी तक नहीं आया है। भामाशाहों के सहयोग से हसामपुर बस स्टैंड पर सीमेंट की बेंच यात्रियों के लिए लगाई गई है यह बैंचे दुकानों के सामने लगाई गई है ताकि यात्री परेशान ना हो।
सुमन सैनी उप सरपंच ग्राम पंचायत डूंगा की नांगल का कहना है कि महिलाओं के लिए पाटन बस स्टैंड, सोहनपुरा, डूंगा की नांगल, आदि सभी जगह बैठने के लिए सुविधा नहीं है जिस कारण महिलाएं परेशान रहती है। पाटन बस स्टैंड पर महिलाओं के लिए शौचालय नहीं होना भी शर्म की बात है।