नीमकाथाना- रमजान महीनों के रहमतों बरकतों के माह में सबसे अफजल मानी जाने वाली शबे कद्र की रात अकीदत व एहतराम से बिताई गई। इस अवसर पर मस्जिदों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया।
मस्जिदों में एक कुरान मुकम्मल होने पर इमामो की दस्तारबंदी की गई। रात भर मुस्लिम समाज के लोगों ने खुदा की इबादत की। घर घर में महिलाओं में कुरान पाक की तिलावत कर नमाज पढ़ी। शहर की जामा मस्जिद में मौलाना अमजद रशीदी ने तराबीह की नमाज पढ़ाई। नमाज के बाद मौलाना को साफा पहनाकर मुबारक बाद दी।