नीमकाथाना-दो अपै्रल 2018 भारत बंद के दौरान दर्ज मुकदमों का निस्तारण करवाने को लेकर शुक्रवार को आस्था जन कल्याण सेवा समिति, मेघवंश जाग्रति संस्थान, भीमराव अंबेडकर मानव कल्याण संस्थान, बाबा रामदेव सेवा समिति, महर्षि वाल्मिकी सेवा समिति ने मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत करवाते हुए बताया कि एससी व एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई अनावश्यक छेड़छाड़ के विरोध में शांतिपूर्ण भारत बंद किया गया था। पुलिस द्वारा सीकर जिले में कुल 37 प्रकरण दर्ज किए थे जिनमें से 23 प्रकरणों में अबतक एफआर व 13 प्रकरणों में चालान पेश किए गए हैं। नीमकाथाना कोतवाली थाने में एक प्रकरण एफआईआर नम्बर 112/18 का अनुसंधान लंबित हैं। पुलिस द्वारा उपद्रव व आगजनी की विभिन्न धाराओं में झूठा मामला दर्ज कर जातिवादी भेदभाव व द्वेषता की भावना के चलते सामाजिक जागरूक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, अधिवक्ता, पत्रकार, राजकीय सेवारत अधिकारी, कॉलेज प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधानाचार्य, नोडल अधिकारी व कर्मचारियों तथा महिलाओं सहित 117 लोगों को नामजद किया गया था।
जिनमें 25 निर्दोष लोगों को जबरदस्ती घर से उठाकर पुलिस हिरासत में उनके साथ अमानवीय अत्याचार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। जिनकी करीब 45 दिन बाद उच्च न्यायालय से जमानत हुई थी। वहीं अलवर जिले के खेरथल गांव का पवन कुमार की मौत हो गई थी। तत्कालीन सरकार ने पत्नी को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था जिसको तत्काल नौकरी दी जावें। लंबित मामलों के कारण सरकारी सेवा में कार्यरत व विभिन्न लोगों को मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। चुनावों में सरकार ने वादा किया था कि सता में आने के बाद भारत बंद के दौरान सभी मामले सरकार वापस लेगी। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। ज्ञापन में मांग की हैं कि जल्द से जल्द लंबित मामलों का निस्तारण करवाया जावें। इस दौरान अध्यक्ष जुगलकिशोर, जयप्रकाश मीणा, मनीष टांक, रामजीलाल चनानियां, बजरंग योगी, डॉ. रणजीत महरानियां, राजेन्द्र महरानियां, हंसराज किलानियां, शिवपाल भाटी, शंकर बलाई, शंकरलाल गोयर, रतनलाल गोयर, रामचन्द्र वर्मा, श्रवण मेहरानियां, कैलाष चंद वर्मा, महेष वर्मा व महेष मेघवंषी आदि लोग मौजूद रहे।भारत बंद के दौरान लंबित प्रकरण के निस्तारण को लेकर विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
October 04, 2019