सिरोही: गांव के आसपास क्षेत्र का बडा चिकित्सालय अपना आस्तित्व खोने की कगार पर है। 300- 400 की OPD होने के बावजूद चिकित्सालय आज भी स्वास्थ्य केंद्र के रूप में बदहाल है। मरीज हलाकान परेशान और मजबूर है। वजह चिकित्सालय मे चिकित्सकों की संसाधनो का अभाव और खास्ता हाल व्यवस्था है ।
सिरोही, आगवाडी, भगेगा, केरोठ व आसपास के मरीज इलाज की दरकार लेकर सेठ श्री बालूराम राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिरोही आते है लेकिन उन्हे उल्टे पांव लौटना पडता है।
सिरोही में बेहतर स्वास्थ्य के लिए सेठ श्री बालूराम राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कहने के लिए सर्वसुविधा युक्त अस्पताल है। लेकिन यहां पर महज सर्दी बुखार का इलाज होता है। क्षेत्रीय मुख्यालय मे स्वास्थ्य सुविधाओ का विस्तार करने के लिए सेठ श्री बालूराम राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरो की तर्ज इसका का निर्माण हुआ।
क्षेत्र के गरीब मरीजो के लिए बेहतर सस्ता सुलभ इलाज की सुविधा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है । वर्तमान मे यहां मजह 2 डाक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे है जबकि इसमें सीनियर डाक्टर के पद की कमी है । इसके अलावा 70 फीसदी नर्सिग स्टाफ की भी कमी है।जिसको लेकर मरीज दर-दर भटकने को मजबूर है
जिसको लेकर समाज के नेता का ध्यान इस ओर नहीं है जिसको लेकर स्वास्थ्य केंद्र जाकर वहा की व्यवस्था की जानकारी ली तो काफी कमी या उजागर हुई जो मुख्य रूप से निम्न प्रकार से हैं
1.अस्पताल परिसर में अवैध वाहनों की पार्किग स्टेंड बना रखा है।
2. अस्पताल परिसर में दीवार के पास सोच की दुर्गन्ध से आमजन परेशान है । इसको लेकर ग्राम पंचायत बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहीं हैं
3. सफाई कर्मचारी अस्पताल परिसर में कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं है ।
4.सुरक्षा की दृष्टि के लिए कोई भी सिक्योरिटी गार्ड नहीं है
5. मरीजों के लिए पीने के पानी की वाटर कूलर तो है पर खराब है
6. परिसर में आवारा पशुओ का आवागमन लगा रहता है
क्षेत्र मे दूसरा दर्जा पाने वाले इस चिकित्सालय मे लगभग रोज की 300-400 मरीज आते है लेकिन इन्हे मायूस होना पडता है। ना तो यहां पर दवाईयां उपलब्ध रहती और ना ही इलाज की अन्य सुविधाएं मिल पाती।
यहां की बदहाल व्यवस्था के चलते प्राइवेंट नर्सिग होम का सहारा लेना पड़ता है और कुछ को कपिल अस्पताल रेफर कर दिया जाता है बचे हुए यहां भगवान भरोसे इलाज करवाने को मजबूर हैं।
Public Report- Anil Kaswa