वार्ड नंबर 34 में नरसिंह मंदिर की भूमि का है मामला
नीमकाथाना@कस्बे के वार्ड नंबर 34 में मंदिर श्री नरसिंह जी के नाम राजस्व दर्ज रिकॉर्ड भूमि खसरा नंबर 1262 मे प्रशासन के जिम्मेदारों के द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं करने के चलते न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश के बाद भी मंदिर भूमि पर छुट्टी की आड़ में निर्माण कार्य किया जा रहा है। मिली जानकारी अनुसार मंदिर श्री नरसिंह की भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण आदि ना करने एवं अतिक्रमण नहीं करने को लेकर राजस्थान सरकार जरिए तहसीलदार बनाम किशनलाल परिवाद में उपखंड न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया हुआ है ।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही अनदेखी एवं मिलीभगत के चलते मंदिर भूमि के उक्त भूखंड पर स्थगन आदेश के बाद भी आज शनिवार को निर्माण कार्य युद्ध गति से करते हुए छत डाली जा रही है। मिली जानकारी कस्बे के श्री नरसिंह जी मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण करने को लेकर तहसीलदार नीमकाथाना को अवगत कराने पर तहसीलदार ने उपखंड न्यायालय में दिनांक 13 मार्च 2019 को परिवाद पेश कर न्यायालय को किशन लाल के द्वारा श्री नरसिंह जी के नाम दर्ज भूमि पर राजकीय आदेशों की अवहेलना कर निर्माण कार्य करने को लेकर अवगत कराया जिस पर न्यायालय ने 13 मार्च 2019 को मंदिर भूमि पर स्थगन आदेश पारित किया गया था। लेकिन मंदिर भूमि की सुरक्षा रक्षा को लेकर जिम्मेदार हल्का पटवारी, गिरदावर एवं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते मंदिर भूमि पर निर्माण युद्ध गति से जारी है। कस्बे में धन बल एवं राजनीतिक रसूख के चलते राज्य सरकार के दिशा- निर्देश, कानून- नियम, न्यायिक आदेश सब बोने नजर आ रहे हैं।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही अनदेखी एवं मिलीभगत के चलते मंदिर भूमि के उक्त भूखंड पर स्थगन आदेश के बाद भी आज शनिवार को निर्माण कार्य युद्ध गति से करते हुए छत डाली जा रही है। मिली जानकारी कस्बे के श्री नरसिंह जी मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण करने को लेकर तहसीलदार नीमकाथाना को अवगत कराने पर तहसीलदार ने उपखंड न्यायालय में दिनांक 13 मार्च 2019 को परिवाद पेश कर न्यायालय को किशन लाल के द्वारा श्री नरसिंह जी के नाम दर्ज भूमि पर राजकीय आदेशों की अवहेलना कर निर्माण कार्य करने को लेकर अवगत कराया जिस पर न्यायालय ने 13 मार्च 2019 को मंदिर भूमि पर स्थगन आदेश पारित किया गया था। लेकिन मंदिर भूमि की सुरक्षा रक्षा को लेकर जिम्मेदार हल्का पटवारी, गिरदावर एवं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते मंदिर भूमि पर निर्माण युद्ध गति से जारी है। कस्बे में धन बल एवं राजनीतिक रसूख के चलते राज्य सरकार के दिशा- निर्देश, कानून- नियम, न्यायिक आदेश सब बोने नजर आ रहे हैं।