नीमकाथाना@ साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 21 June 2020 रविवार को समाप्त हुआ। भारत में सबसे पहले मुंबई और पुणे में इसकी शुरुआत हुई। वहीं नीमकाथाना में सुबह 10:16 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हुआ जो 11:57 पर यह अपने पीक पॉइंट पर था और दोपहर 1:45 पर खत्म हुआ। नीमकाथाना में 3 घंटे 28 मिनट 42 सेकण्ड का सूर्य ग्रहण रहा।
ऐसा नजारा विगत 1995 के सूर्य ग्रहण का भी रहा, जिसका विश्व में सबसे प्रमुख केंद्र राजस्थान का नीमकाथाना शहर था। उस समय विदेशों से अनेक वैज्ञानिक नीमकाथाना पहुंचे थे।
सूर्य ग्रहण रविवार सुबह 10:15 से दोपहर 1:45 तक रहा। इस दौरान शहर सहित आसपास के इलाकों में आसमान में अंधेरा छाया रहा, वहीं सूर्य रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई दिया जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो अभी शाम होने को आई।
सूर्यग्रहण के दौरान बादल छाए रहे, इसलिए पूरे समय बादल और सूर्य के बीच लुकाछुपी चलती रही। कस्बेवासियों ने घरों की छतों पर चढ़कर एक्स-रे शीट, विशेष चश्मे के जरिए सूर्यग्रहण को देखा। सूर्यग्रहण को लेकर नीमकाथाना में लोगों में काफी उत्सुकता बनी रही। सूर्यग्रहण का अविस्मरणीय नजारा देखने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया, कहा-''अद्भुत है...
नीमकाथाना क्षेत्र के लोगो ने ग्रहण-काल के दौरान सर्वाधिक मात्रा में पूजा-पाठ अर्चना व मंत्र जाप किए। बाद में ग्रहण पूरा होने पर लोगों ने दान पुण्य किए और मंदिरों के कपाट खुले जिसके बाद मंदिरों में आरती हुई।
वहीँ इस अवसर पर लाका की नांगल में सूर्यग्रहण के अवसर पर ग्रामीणों के आपसी सहयोग से भैरूंजी के मंदिर में लोगो ने हवन किया लोगो का कहना है कि हवन करने से गांव शांति व सद्द्बुद्धि की ओर अग्रसर होगा। जिसमें रामकिशन गुर्जर, मालीराम, रविन्द्र, पूरणमल गुर्जर, बनवारी गुर्जर, मालाराम जाट, चोथमल, कृष्ण खटाना, राजू गुर्जर सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।
न्यूज़ रिपोर्ट- मनीष टांक
यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: 24 अक्टूबर 1995 को नीमकाथाना में पूर्ण सूर्य ग्रहण के अविस्मरणीय पल
सूर्य ग्रहण रविवार सुबह 10:15 से दोपहर 1:45 तक रहा। इस दौरान शहर सहित आसपास के इलाकों में आसमान में अंधेरा छाया रहा, वहीं सूर्य रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई दिया जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो अभी शाम होने को आई।
सूर्यग्रहण के दौरान बादल छाए रहे, इसलिए पूरे समय बादल और सूर्य के बीच लुकाछुपी चलती रही। कस्बेवासियों ने घरों की छतों पर चढ़कर एक्स-रे शीट, विशेष चश्मे के जरिए सूर्यग्रहण को देखा। सूर्यग्रहण को लेकर नीमकाथाना में लोगों में काफी उत्सुकता बनी रही। सूर्यग्रहण का अविस्मरणीय नजारा देखने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया, कहा-''अद्भुत है...
नीमकाथाना क्षेत्र के लोगो ने ग्रहण-काल के दौरान सर्वाधिक मात्रा में पूजा-पाठ अर्चना व मंत्र जाप किए। बाद में ग्रहण पूरा होने पर लोगों ने दान पुण्य किए और मंदिरों के कपाट खुले जिसके बाद मंदिरों में आरती हुई।
वहीँ इस अवसर पर लाका की नांगल में सूर्यग्रहण के अवसर पर ग्रामीणों के आपसी सहयोग से भैरूंजी के मंदिर में लोगो ने हवन किया लोगो का कहना है कि हवन करने से गांव शांति व सद्द्बुद्धि की ओर अग्रसर होगा। जिसमें रामकिशन गुर्जर, मालीराम, रविन्द्र, पूरणमल गुर्जर, बनवारी गुर्जर, मालाराम जाट, चोथमल, कृष्ण खटाना, राजू गुर्जर सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।
न्यूज़ रिपोर्ट- मनीष टांक
यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: 24 अक्टूबर 1995 को नीमकाथाना में पूर्ण सूर्य ग्रहण के अविस्मरणीय पल