नीमकाथाना@ केंद्र सरकार ने कोविड-19 कोरोना संकट को देखते हुए नरेगा के तहत अधिक से अधिक मजदूरों को लगाकर उनको रोजगार देने के आदेश जारी किए थे, परंतु ग्राम पंचायत राजपुरा द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान नरेगा का कार्य बंद पाया गया। औचक निरीक्षण करने गए पाटन पंचायत समिति के पंचायत प्रचार प्रसार अधिकारी बजरंग लाल यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत राजपुरा में 16 जून से ही नरेगा का कार्य बंद था। कार्य बंद पाए जाने पर सभी मजदूरों की उपस्थिति के आगे अनुपस्थिति लगा कर टिप्पणी कर दी गई है तथा उसमें लिखा भी गया है कि 16 जून से कार्य शुरू नहीं किया गया है।
इस बारे में जब नरेगा के कनिष्ठ अभियंता टिंपू लाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेटो के अभाव में काम शुरू नहीं किया गया। वही ग्राम विकास अधिकारी छाजू राम सैनी ने बताया कि 16 जून को मस्टररोल लेट आने से काम शुरू नहीं किया गया तथा 18 जून को गुरुवार था तथा गुरुवार को नरेगा कर्मियों की छुट्टी रहती है इसलिए काम बंद रहा। पंचायत प्रसार अधिकारी बजरंग लाल यादव ने बताया कि अगर प्रशिक्षित मेट नहीं हो तो अप्रशिक्षित मेटो यानी नरेगा मजदूर से भी काम चलाया जा सकता है बाद में प्रशिक्षित मेटो को लगा दिया जाता है। परंतु ग्राम सचिव अधिकारी द्वारा नरेगा का कार्य शुरू नहीं करवाया गया जो अपने आप में बहुत बड़ी लापरवाही का उदाहरण सामने आया है। 19 जून को संपूर्ण प्रदेश में नरेगा कर्मियों का औचक निरीक्षण प्रोग्राम था इस दौरान यह खुलासा हुआ है।