नीमकाथाना/मनीष टांक। शहर के लक्ष्मी कटला स्थित एसबीआई की उप शाखा संचालक की सूझबूझ से साइबरक्राइम की गैंग के हाथों लाटरी का लालच देने पर पीड़ित के 58 हजार रुपए बचाकर सूझबूझ का परिचय दिया।
पीड़ित जयपाल मावंडा निवासी ने बताया कि मेरे पास कॉल आया कि आपके 45 लाख रुपए की कौन बनेगा करोड़पति मेंं लाटरी निकली है। साइबरक्राइम गैंग के सदस्य ने पीड़ित को बताया आपके 45 लाख की लॉटरी निकली है लेकिन इसके लिए आपको हमारे खाते में टैक्स 58 हजार रुपए का जमा कराना होगा और इसके साथ ही पीड़ित के व्हाट्सएप पर गैंग के सदस्य ने पीड़ित के दस्तावेज मंगवा लिये।
पीड़ित जयपाल मावंडा निवासी ने बताया कि मेरे पास कॉल आया कि आपके 45 लाख रुपए की कौन बनेगा करोड़पति मेंं लाटरी निकली है। साइबरक्राइम गैंग के सदस्य ने पीड़ित को बताया आपके 45 लाख की लॉटरी निकली है लेकिन इसके लिए आपको हमारे खाते में टैक्स 58 हजार रुपए का जमा कराना होगा और इसके साथ ही पीड़ित के व्हाट्सएप पर गैंग के सदस्य ने पीड़ित के दस्तावेज मंगवा लिये।
आधार कार्ड राणा प्रताप सिंह के नाम से था, इसके बाद पीड़ित गैंग के झांसे में आ गया और कहीं से ब्याज पर रुपए लाकर लक्ष्मी कटला स्थित प्रजापति ट्रेवल्स एसबीआई की शाखा पर रुपए जमा कराने आया। गैंग के सदस्य राणा प्रताप सिंह ने गुड़िया रानी नाम से अकाउंट नंबर भेजा और कहा कि इस में जमा करा दो फिर पीड़ित जयपाल ने 58 हजार रुपए एसबीआई शाखा संचालक बृज मोहन कुमावत को दे दिए।
ठग राणा प्रताप सिंह का फोन एसबीआई शाखा संचालक बृज मोहन कुमावत के पास आया। ठग ने कहा कि आप इस खाते में रुपए क्यों नहीं जमा कर रहे हो हमारे फिर शाखा संचालक ने कहा कि अभी टाइम लगेगा। आपके खाते में रुपए जाने में अभी इंटरनेट धीरे चल रहा है।
इसके बाद में फर्जी ठग गिरोह राणा प्रताप सिंह ने शाखा संचालक से कहा कि आप जल्दी डालो मेरे खाते में नहीं तो मैं अभी पुलिस भेजता हूं। आप जल्दी करो मेरे खाते में पैसे डालो मुझे जरूरत है,ऐसा सुनने के बाद एसबीआई शाखा संचालक को पूरा पूरा शक हो गया कि यह कोई साइबर क्राइम ठग गिरोह का सदस्य है जो इनसे लॉटरी का लालच देकर 58 हजार रुपए लूटना चाहता है। उसके बाद में शाखा संचालक ने पीड़ित एवं पीड़ित के परिवार को फोन करके कहा कि वह आपका रिश्तेदार मेरे पास पुलिस लेकर आ रहा है।
मुझे पूरा शक है कि वह मुझे डराने के लिए और आप से रुपए जल्दी ऐठने के लिए यह कार्य कर रहा है। वह किसी साइबर क्राईम गैंग का सदस्य है जो आपसे रुपए लूटना चाहता है। आप यह रुपए जमा मत कराओ। इसके बाद में पीड़ित परिवार ने कहा कि हमें भी पता चल गया था। बाद में कि हमसे गैंग रुपया लूटना चाहती है।
उसके बाद रूपए जमा नहीं कराए। इसके बाद में पीड़ित परिवार के पास भी कम से कम सैकड़ों फोन आए रुपए जमा कराने का दबाव दिया। गैंग के सदस्यों ने अलग-अलग फोन से कई फोन किए। उसके बाद में परिवार के लोगों को भी शक हो गया।
पीड़ित ने बताया कि हमारा ब्याज पर लाया हुआ पैसा खराब चला जाता। इसके बाद में पीड़ित परिवार ने रुपए वापस ले लिए और एसबीआई शाखा संचालक को पीड़ित परिवार ने धन्यवाद दिया।