नीमकाथाना: ग्राम पंचायत घासीपुरा के राजस्व ग्राम रेला में दो दर्जन खदानों का आवंटन खनिज विभाग द्वारा किया गया है जिसमें से कुछ खदानें तो रेला बांध के कैचमेंट एरिया में भी आ रही है जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध भी किया था परंतु जिन लोगों की खाने हैं उनकी ऊंची पंहुच होने के कारण केचमेंट एरिया की खदाने बंद नहीं हो सकी।
रेला माइनिंग जॉन का चेजा पत्थर अच्छा और ठोस होने से इस पत्थर की मांग भी बहुत अधिक है। माइनिंग जॉन से प्रतिदिन 400 से 500 पत्थरों से भरे डंपर चोटिया तहसील कोटपूतली के क्रेशरो पर जा रहे हैं जहां इन पत्थरों की रोडी बना कर दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद भेजी जा रही हैं ।
16 हजार से 20 हजार टन प्रतिदिन खनन
रेला में 16 हजार से 20 हजार टन खनन प्रतिदिन यहां हो रहा है, ऐसे में खनन करने वाले लोग प्रतिदिन भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री डालकर खनन करने में लगे हैं। रेला की आबादी लगभग 500 से अधिक है परंतु यह गांव बारुद के ढेर पर बैठा हुआ है ।
ग्रामीणों का कहना है कि माइनिंग जोन में अवैध डीजल की गाड़ियां, विस्फोटक सामग्री लाने वाली गाड़ियां दौड़ती हुई देखने को मिल सकती है, परंतु इन वाहनों पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले भी बढ़ रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि भारी ब्लास्टिंग के धमाकों से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है ऐसे में रोज के धमाकों की गूंज से लोग दहशत की जींदगी में जीने को मजबूर हैं , तथा आसपास के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
ग्राम पंचायत घासीपुरा की आबादी लगभग छह जा रहे हैं तथा 10 राजस्व ग्राम पंचायत के अंतर्गत आते हैं। जिसमें रैया का बास, उदय सिंह पुरा, बक्शी पुरा, घासीपुरा, रेला, फागणवास, रेला मैं रोज के धमाकों के कारण परेशान हैं।ग्रामीणों ने पूर्व में भी कई बार प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों को अवगत करवाया परंतु प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की।
रेला माइनिंग जोन में प्रतिदिन उड़ने वाली धूल धुआं के कारण यंहां की उपजाऊ भूमि बंजर होती हुई जा रही है तथा रेला बांध भी पूर्ण रूप से नष्ट होते हुए दिखाई दे रहा है। माइनिंग जोन में खनन के दौरान ओवरबर्डन को भी केचमेंट एरिया में डाला जा रहा है जिस कारण बांध का एरिया भी अवरुद्ध हो रहा है।
जवाबदेही अधिकारी इस प्रकरण में कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं जिस कारण रेला माइनिंग जोन में भारी ब्लास्टिंग हो रही है। नीमकाथाना उपखंड क्षेत्र में उपखंड अधिकारी कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय, सहायक खनिज अभियंता कार्यालय होने के बावजूद भी ये अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जिसको लेकर अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।