नीमकाथाना। शादियों में अक्सर लड़की के पिता उसके ससुराल वालों को दहेज के रूप में कार, ज्वेलरी, बाइक आदि देते हैं। लड़की के पिता अपनी ओर से शगुन में भी इस तरह की चीजें देते हैं। कई लोग इसे रस्म अदायगी का हिस्सा मानकर पूरा करते हैं। लेकिन आर्मी से सेवानिवृत व वर्तमान में नीमकाथाना डाक विभाग में पोस्टमैन के पद कार्यरत राजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने दो बेटों की शादी में कोई बड़ा उपहार या दहेज न लेकर लोगों को बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने शगुन के नाम पर सिर्फ एक रुपये और नारियल लिया। यह देखकर सभी को हैरानी हुई मगर उन्होंने दहेज की कूप्रथा को समाप्त करने का बड़ा संदेश दिया।
भात में व शगुन में लिया एक रुपया और नारियल
झड़ाया नगर में ढाणी बावड़ी वाली निवासी राजेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र सतीश कुमार यादव व दिनेश कुमार यादव की शादी 16 फरवरी को हसामपुर स्थित भांडाला में धर्मपाल जादिम की पुत्री प्रियंका व मीना के साथ संपन्न हुई थी। शादी में दूल्हे के पिता ने बतौर शगुन केवल एक रुपए और नारियल ही स्वीकार कर कुप्रथा को समाप्त करने का काम किया है। वहीं भात भरने के दौरान भी लड़कों के पिता ने एक रुपया ही लिया।
लोगों ने सराहा दूल्हों के पिता का फैसला
दूल्हा सतीश कुमार यादव चितौड़गढ़ कपासन में शिक्षा विभाग में कार्यरत है। लोगों ने पिता के इस फैसले को सराहते हुए दहेज की सामाजिक बुराई को खत्म करने के कदम का स्वागत किया है।