पाटन। निकटवर्ती ग्राम पंचायत स्यालोदडा के रेवेन्यू विलेज में स्थित चीडी मार पहाड़ जो उत्तर पूर्व की अरावली श्रंखला में आता है तथा जिसकी ऊंचाई लगभग 1200 सौ से 1500 फुट की है पहाड़ी क्वार्टजाईट नाम कीमती खनिज से बनी है तथा यह पहाड़ी हरियाणा एवं राजस्थान के वन विभाग के क्षेत्र में गिरती है। परंतु इन दिनों इस पहाड़ी में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है और राजस्थान एवं हरियाणा सरकार को खनन माफियाओं द्वारा करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचा रहे हैं। स्यालोदडा के लोग इस पहाड़ को चिड़ीमार पहाड़ के नाम से जानते हैं तथा पहाड़ी के दोनों तरफ क्वार्टजाईट पीसने की लगभग 50 फैक्ट्रियां राजस्थान एवं हरियाणा सीमा में लगी हुई है। यह पहाड़ आधा हरियाणा में आता है तो आधा पहाड़ राजस्थान में लगता है जिसकी चोटी से सीमा विभाजित की गई है। उक्त पहाड़ में क्वार्टजाईट का भंडार है तथा राजस्थान एवं हरियाणा की तरफ से अवैध खनन किया जा रहा है। हरियाणा के लोग पहाड़ के पूर्व दिशा से मशीनें चढ़ाकर 1200 से 1500 फुट की ऊंचाई पर राजस्थान की सीमा में घुसकर पहाड़ की चोटियों को काटकर अवैध खनन कर रहे हैं। वहीं अवैध खनन से जुड़े लोग इसी पहाड़ में ऊंडा खोला नाम की जगह में बांयल गांव की तरफ से चढ़कर अवैध खनन करने में लगे हुए है। दिन रात कंप्रेसर मशीन, जेसीबी मशीन तथा ट्रैक्टरों से अवैध खनन किया जा रहा है। हरियाणा के लोग पहाड़ की जड़ों से भी अवैध खनन कर रहे हैं। ये लोग स्यालोदडा के आस पास स्थित खदान मालिकों से औने पौने दामों में फर्जी चेजा पत्थर के रवन्ना लेकर अपने ट्रेक्टरो में क्वार्टजाईट पत्थर भर कर हरियाणा में लगी फैक्ट्रियों ले जाने में लगे हुए हैं। इस बारे में ग्रामीणों ने पूर्व में भी वन विभाग के अधिकारियों एवं खनन विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया था परंतु विभागीय कार्यवाही नहीं होने के कारण खनन माफियाओं के भी हौसले बुलंद हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि खनिज विभाग को स्यालोदडा क्षेत्र में सर्वे कर ऐसे लीज धारकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो पैसों में रवन्ना बेचते हैं तथा उन्हें ऐसे लीजधारकों की लीज को निरस्त करना चाहिए जिससे क्षेत्र में अवैध खनन पर अंकुश लगे। वही वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए जिनकी मिलीभगत से वन विभाग में अवैध खनन किया जा रहा है और सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान उठाना पड रहा है। हरियाणा और राजस्थान की सीमा में गिरने वाले पहाड़ में प्रतिदिन हजारों टन बेशकीमती पत्थर निकाला जा रहा है ऐसे में हरियाणा सरकार एवं राजस्थान सरकार की संयुक्त कार्रवाई होना जरूरी है तथा पहाड़ के आसपास चल रहे प्लांटों की संपूर्ण जांच कर प्लांटों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि स्यालोदडा में स्थित पहाड़ का पश्चिम ढलान राजस्थान में है और पूर्वी ढलान पूर्ण रूप से हरियाणा में आता है परंतु हरियाणा के बांयल मुसनौता, पांचनौता के लोग जो अवैध खनन के कारोबार से जुड़े हुए हैं उन्होंने पश्चिम ढलान में इस तरह अवैध खनन कर लिया कि अब उस पहाड़ की चोटी पूर्वी ढलान यानी हरियाणा की तरफ कभी भी गिर सकती है। अगर शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की गई तो सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। अवैध खनन से जुड़े लोगों की शिकायत करने से ग्रामीण डरते हैं क्योंकि ये लोग बदमाश प्रवृत्ति के लोग हैं तथा अपने पास हथियार भी रखते हैं इसलिए इनकी शिकायत भी नहीं कर पाते। वही फॉरेस्ट के कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है।
स्यालोदडा ग्राम पंचायत के सरपंच एडवोकेट अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि यदि इसी प्रकार अवैध खनन होता रहा तो जल्द ही इस पहाड़ का नामोनिशान मिट जायेगा। इसके लिए शीघ्र ही वन विभाग के अधिकारियों को एवं खनन विभाग के अधिकारियों को शिकायत की जाएगी।