बीसीएमएचओ का तर्क, 30 जून को हटा दिया था वाहन
नेम प्लेट लिखी गाड़ी से कोटपुतली में दिखा रहा था मरीज
नीमकाथाना। उपखंड क्षेत्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीमकाथाना के वाहन को अनुबंध से हटने के बाद भी नेम प्लेट लगाकर घूमने और मरीजों को दिखाने में दुरुपयोग का करने मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीमकाथाना के नाम से एक बोलेरो गाड़ी पर नेम प्लेट के साथ राजस्थान सरकार भी अंकित था। राजस्थान सरकार लिखे वाहन से दो पक्षों में आपस में हुए झगड़े के बाद घायल को दिखाने के लिए काम में लिया गया था। वाहन से ले जाए गए मरीज की कोटपुतली के एक निजी लैब पर सीटी स्कैन भी करवाई गई। जबकि किसी भी सरकारी वाहन का नेम प्लेट और राजस्थान सरकार के नाम का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।
गाड़ी को अनुबंध से हटाने के बाद भी नेम प्लेट का किया जा रहा उपयोग
जानकारी के मुताबिक चिकित्सा विभाग ने बोलेरो गाड़ी को अनुबंध किया गया था। जिसके बाद गाड़ी को विभागीय अधिकारी सरकारी कार्य को लेकर काम में ले रहें थे। जिसपर आगे की तरफ खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीमकाथाना की नेम प्लेट लगा रखी थी आगे और पीछे राजस्थान सरकार लिखा हुआ है। लेकिन अनुबंध से हटाने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने गाड़ी से नेम प्लेट नहीं हटाई। जिसके बाद गाड़ी चालक ने नेम प्लेट का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अनुबंध से हटाने के बाद भी नहीं हटाई नेम प्लेट, विभाग ने नहीं की कार्रवाई
बोलेरो गाड़ी को अनुबंध से हटाने के बाद भी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी की नेम प्लेट लगाकर मरीज को दिखाने में गाड़ी को काम में लिया जा रहा है। वहीं राजस्थान सरकार के नाम पर वाहन का गैरकानूनी तरीके से दुरुपयोग करना कहां तक उचित है क्योंकि राजस्थान सरकार और विभाग के वाहन के नाम पर अवैध कार्य भी किया जा सकता है, जो गलत है प्रशासन को इस तरह के फर्जी वाहन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इनका कहना है
जब इस मामले में बीसीएमएचओ डॉ अशोक यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे इस चिकित्सा विभाग के वाहन को 30 जून को हटा दिया गया था और अब दूसरी गाड़ी का अनुबंध विभाग से करेंगे, अगर ड्यूटी पर से गाड़ी चार्ज व चालक को हटाने के बाद भी गाड़ी पर सरकारी नेम प्लेट का दुरुपयोग हो रहा है तो गाड़ी चालक के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे।