नीमकाथाना। सीमा सुरक्षा बल ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूत को ऑपरेशन कैजुअल्टी प्रमाण पत्र प्रदान किया। महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल नई दिल्ली पंकज कुमार सिंह एवं कमांडेंट जे एस संधू के निर्देशानुसार डिप्टी कमांडेंट याक़ूब अली पठान ने शुक्रवार को जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में लांस नायक जगदीश खरवास निवासी खरवासो की ढाणी, मावंडा खुर्द की पत्नी सुमित्रा देवी को ऑपरेशन कैजुअल्टी प्रमाण पत्र प्रदान किया। डिप्टी कमांडेंट पठान ने शहीद परिजनों को बीएसएफ से दी जाने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी दी और बीएसएफ परिवार की तरफ से हर संभव हमेशा सुख दुख में साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर कर्नल अजय कुमार सिंह, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, कोतवाली थानाधिकारी राजेश कुमार, शहीद पुत्र दीपक खरवास, अरशद अयूब, कैलाश चंद, सूबेदार बाबूलाल, प्रकाश चंद कुड़ी, प्रमोद मीना आदि मौजूद थे।
बता दें कि लांस नायक जगदीश खरवास 29 अक्टूबर 1999 को कुछ अज्ञात उग्रवादियों ने एस.के.आई. एम.एस. सौरा के उत्तर पश्चिम दिशा से 4 रायफल ग्रनेड दागे। पहले ग्रनेड को फायर पॉइंट के पास सामरिक मुख्यालय के सामने दागा गया था जबकि दूसरा ग्रनेड पहली मंजिल के खुले स्थान पर दागा गया था। जिसके कारण आरक्षण देवी लाल एवं कारपेन्टर प्रवीण कुमार को सप्लीन्तर लगे। सामरिक मुख्यालय एवं एसकेआईएमएस इमारत के बीच तीसरा ग्रनेड को खोदे गए स्थान पर दागा गया था तथा कार्यवाहक कमाडेंट और त्वरित प्रतिक्रिया दस्ता तुरंत साइट की और बढे और साथ ही सभी कंपनियों को आतंवादियों के संभावित भागने वाले मार्गों को नियंत्रण करने के लिए सूचित किया गया था।
जब एसकेआईएमएस सौरा पिछे के एरिया की खोज जारी थी, उग्रवादियों ने फिर से रायफल ग्रेनेड को लगभग 1800 बजे अवांटा भवन की सामान्य एरिया में विसनारग 90 रोड क्रॉसिंग में फेंक दिया।
पहला ग्रनेड लांस नायक जगदीश खरवास के बाएं कंधे पर गिरा जिसके फटने से लांस नायक जगदीस खरवास वीरगति को प्राप्त हो गए और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।