नीमकाथाना न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट-
नीमकाथाना: 23 फ़रवरी को घोषित बजट ने लोगो की नीमकाथाना के जिले बनने की उम्मीद तोड़ दी। हर साल की तरह इस बजट में भी लोगो की मांग अधूरी ही रह गई। इस बार लोगों को पूरी उम्मीद थी कि नीमकाथाना के जिले बनने के प्रस्ताव पर मुहर जरूर लगेगी। लेकिन बजट में ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ। यहाँ तक की नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा तक नहीं हुई।
नीमकाथाना न्यूज़ द्वारा 2 दिन पहले किए गए सर्वे के मुताबिक 81.6 प्रतिशत लोगो ने विधायक सुरेश मोदी पर विश्वास जताया था लेकिन राज्य सरकार इस विश्वास को कायम नहीं रख पाई और हमेशा तरह इसबार भी पिटारा खाली ही रहा।
🔶 81.6% लोगो ने विधायक मोदी पर जताया था विश्वास।
🔶 15.6% लोगो ने जिला नहीं बनने का लगा लिया था पूर्वानुमान।
🔶 2.8% लोगो ने कहा पता नहीं।
इस तरह चला जिला बनाने का संघर्ष
सबसे पहले सन् 1952 में प्रथम विधायक रहे कपिलदेव मोदी ने विधानसभा में नीमकाथाना को जिला बनाने का प्रस्ताव भेजा। यहीं से नीमकाथाना को जिला बनाने की कयावाद शुरू हुई। नीमकाथाना को जिला बनाओ अभियान का सबसे बड़ा योगदान रहा ओमप्रकाश साईं का जो कि सन् 1986 से संघर्ष करते आ रहें है।
इन्होने वर्ष 1986 में नीमकाथाना को जिला बनाने का प्रचार शुरू किया। 1997 में पूर्व विधायक रहे मोहनलाल मोदी के समक्ष जिले का मुद्दा उठाया। 2003 में भी ओमप्रकाश ने जयपुर में धरना दिया बाद में झुंझनू की पूर्व विधायक ने इनसे जिला बनवाने का आश्वासन देते हुए धरना बंद करवाया।
2006-07 में फिर एक बार नीमकाथाना की जनता ने इनके नेतृत्व सरकार के कानो तक आवाज पहुंचाने के लिए जिला बनाने की मांग को लेकर नीमकाथाना से जयपुर तक पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन सौपा। तब भी इनको और नीमकाथाना की जनता को तत्कालीन विधायक प्रेमसिंह बाजौर के आश्वासन के सिवाय कुछ ना मिल सका।
वर्ष 2012 में रमेश खंडेलवाल द्वारा अशोक गहलोत की सरकार को ज्ञापन दिया गया। इस वर्ष भी लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से कैम्पेन चलाया लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा।
नीमकाथाना उपखण्ड जिला बनने की सभी आवश्यक शर्तो पर उतरता है ख़रा
नीमकाथाना भोगोलिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोणों के आधार पर जिला बनने के मापदंड पूरे कर रहा है। भौगोलिक दृष्टि से नीमकाथाना 60 किलोमीटर की परिधि में फैला है गावों की सीकर मुख्यालय से दुरी करीब 87 किलोमीटर है। सभी प्रमुख विभागों के दफ्तर नीमकाथाना में मौजूद हैं। जिनमें नीमकाथाना उपखण्ड राजस्व, खनिज सम्पदा विभाग, वन विभाग, भारतीय खाद्य निगम के साथ साथ कई निजी व सरकारी कार्यालय प्रमुख है।
नीमकथाना में सभी बैंक वित्तीय संस्थाए हैं। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, प्रशासनिक कार्यालय व उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थाए विधालय एवं महाविधालय है। यहाँ स्नातकोत्तर महाविधालय के रूप में एसएनकेपी कॉलेज और स्नातकोत्तर महिला महाविधालय के रूप में कमला मोदी संचालित हैं। वहीं नीमकाथाना को पिछले बजट में एडीएम कार्यालय की सौगात दी।
नीमकाथाना में आयकर विभाग सहित, उपपरिवहन विभाग, एवं विभिन्न न्यायालय मौजूद हैं। इसके अलावा नीमकाथाना मुख्यालय इलेक्ट्रिक ब्रॉडगेज व डीएफसी से जुड़ने के साथ साथ औधोगिक क्षेत्र में भी संपन्न है।
नीमकाथाना उद्योग जगत में अव्वल दर्जे का है पर्यटन के साथ-साथ पुरातात्विक दृष्टि से नीमकाथाना क्षेत्र बहुत ही मायने रखता है।
नीमकाथाना में सभी शहरी सुविधाएँ
नीमकाथाना में विकास अब मुँह बोलने लगा है। सड़के चौड़ी हो गई हैं और पानी की सारी व्यवस्था को नया रूप दे दिया गया है। खेतड़ी मोड़ से भूदोली बाईपास की तरफ तथा रामलीला मैदान सहित पुलिया तक सड़के डिवाइडर सहित डबल हो गई है। छावनी तथा जोड़ला जोहड़े की तरफ भी सड़के चौड़ी होने के लिए प्रतावित है।
2022 के इस बजट में नीमकाथाना को सौगात
वितीय वर्ष 2022-23 के बजट में नीमकाथाना के दयाल का नांगल में औधोगिक क्षेत्र विकसित होगा। वहीं क्षेत्र के डाबर में 33 केवी ग्रिड बिजली स्टेशन खुलेगा।