नीमकाथाना। आज से ठीक एक वर्ष दो दिन पूर्व एक फरवरी 2021 को शहरवासियों को नगर पालिका की तरफ से निजी बस स्टैंड की सौगात मिली थी। जिसका उद्घाटन कार्यक्रम प्रशासन और वर्तमान राज्य सरकार के विधायक सुरेश मोदी द्वारा गर्मजोशी के साथ किया गया था। उद्घाटन कार्यक्रम में पुलिस, नगरपालिका, परिवहन विभाग के साथ साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। लेकिन यहां राजनीति चक्रव्यू के कारण निजी बस स्टैंड की सुविधा कुछ दिन तक ही शहरवासियों को मिल सकी। जिसके बाद निजी बस संचालकों ने स्टैंड पर बसे रोकने की बजाय शहर के मुख्य मार्गो पर अस्थाई अड्डा स्थापित कर लिया।
असामाजिक तत्वों का अड्डा बना निजी बस अड्डा
एक साल पूरा होने के बाद निजी बस स्टैंड अब बसें न जाने के कारण धूल फांक रहा है। बस स्टैंड पर टीन शेड के नीचे लगी सीमेंट की कुर्सियां भी तोड़ दी गई है। टिकट घर और कैंटीन के लिए बने कमरों में शराब के खाली पव्वे व गंदगी बिखरी पड़ी है।शाम होते-होते सामाजिक तत्वों का जमावड़ा निजी बस स्टैंड पर होने लगता है। शराबियों के कारण सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है।
करीब 25 लाख रूपए किए खर्च
नगरपालिका द्वारा बजट 2020-21 में करीब 25 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित निजी बस स्टैंड का निर्माण करवाया गया था। जिसमें मिट्टी भराव, रोशनी व्यवस्था का खर्च अलग से था। इतनी खर्च लागत के बाद भी निजी बस स्टैंड का कोई उपयोग नहीं हो रहा।
थड़ी होल्डरों का दर्द
निजी बस स्टैंड खुलने से बेरोजगारों को रोजगार की उम्मीद जगी। मजदूर वर्ग के लोगों में किसी ने थड़ी होल्डर के रूप में नगर पालिका से रसीद कटाई तो किसी ने चाय का ठेला डाला। लेकिन अब नहीं तो बस स्टैंड पर बस रूकती है न ही यात्री बस स्टैंड पर आते हैं। ऐसे में एक जून की रोटी के लिए भी थड़ी होल्डरों को संघर्ष करना पड़ रहा है।
इनका कहना हैं
1. नगर पालिका द्वारा वित्तीय वर्ष 20-21 में नगर पालिका द्वारा करीब 25 लाख रुपए की लागत से निजी बस स्टैंड का निर्माण कर चालू करवाया गया।जिसके पश्चात पुलिस विभाग व परिवहन विभाग को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया कि बसों को रुकवाने व प्रस्थान की व्यवस्था करें।
सूर्यकांत शर्मा
अधिशाषी अधिकारी
नपा नीमकाथाना
2. सभी निजी बसों को निजी बस स्टैंड पर रुकने के लिए पाबंद किया था। अगर उक्त स्थल पर बसों का ठहराव नहीं हो रहा है तो निजी बस संचालकों को पुनः पाबंद किया जाएगा।
रॉबिन सिंह
परिवहन अधिकारी
नीमकाथाना
3. निजी बस स्टैंड पर बसे नहीं रुकती। जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। निजी बस संचालकों की हठधर्मिता के कारण आज सार्वजनिक संपत्ति का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।
दल्लाराम चौधरी
समाजसेवी
नीमकाथाना
4. निजी बसें मन चाहे जगहों पर अपना ठहराव कर लेते है जिसके चलते निजी बस स्टैंड पर बसों का ठहराव नहीं होने के कारण से शहर में यातायात प्रभावित हो रहा है। बस स्टैंड पर बसें रुके तो यहां रोजगार सृजित होगा। प्रशासन को इस तरह ध्यान देना चाहिए जिससे सार्वजनिक संपत्ति का उपयोग हो सकें।
महेंद्र कुमार यादव
क डिपो, नीमकाथाना