नीमकाथाना/पाटन। उपखंड के वन क्षेत्र नीमकाथाना व पाटन में 2 दिनों तक चली वन्यजीव गणना मंगलवार सुबह 8 बजे पूर्ण हुई। वन विभाग के कार्मिक वन्य जीव गणना के आंकड़े लेकर वन कार्यालय पहुंचे। जहां से आंकड़े एकत्रित कर उप वन संरक्षक कार्यालय भेजे गए। ग्रीष्म ऋतु में पानी के स्रोतों की संख्या बहुत कम हो जाती है। वन्य जीवों को कृत्रिम वाटर हॉल पर निर्भर रहना पड़ता है। फील्ड स्टाफ 24 घंटे कड़ी निगरानी कर वन्यजीवों की संख्या का आंकलन किया।
वन्य जीवों की संख्या बढ़ी
क्षेत्रीय वन अधिकारी श्रवण लाल जाट ने बताया कि वर्ष 2022 में हुई वन्य जीव गणना में वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। जो वन विभाग के लिए खुश की बात है। वर्ष 2022 में वन्यजीवों की कुल संख्या 4620 आंकी गई है। वहीं पाटन क्षेत्र में 200 वन्यजीवों की बढ़ोतरी हुई हैं।
यह है गत वर्ष के आंकड़े
वन्यजीवों की तादाद का अंदाजा लगाने के लिए वन विभाग द्वारा वन्य जीव गणना करवाई जाती है। सभी विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों की संख्या का आंकलन किया जाता है। वर्ष 2017 में हुई वन्य जीव गणना में 2690 वन्य जीव शामिल किए गए। वर्ष 2018 में 3902 वन्यजीव शामिल किए गए। वर्ष 2020 में 4311 वन्य जीव सामने आए। 2021 में कोरोना महामारी के चलते वन्य जीव गणना नहीं हो पाई। वर्ष 2022 में 4620 वन्य जीव गणना में शामिल किए गए।
सफल रही वाटर हॉल पद्धति
क्षेत्रीय वन अधिकारी श्रवण ने बताया कि वाटर हॉल पद्धति सफल रही। नीमकाथाना वन क्षेत्र के भीतरली गांवड़ी में बने वाटर पॉइंट पर लगाए गए वन कार्मिकों ने एक पैंथर को देखा। पैंथर वाटर पॉइंट पर पानी पीने आया था। इसी दौरान विभाग द्वारा लगाए गए कमरों में पैंथर रिकॉर्ड हुआ। नीमकाथाना क्षेत्र में वन्यजीव गणना के दौरान दो वॉटर पॉइंट पर पैंथर की दहाड़ सुनाई दी। गणेश्वर के पास लादाला वाटर पॉइंट व बालेश्वर में 10 हैक्टे. वाटर पॉइंट के पास पैंथर की दहाड़ सुनी गई।
सबसे ज्यादा संख्या बंदरों की, बघेरा एक ही
24 घंटे चली वन्यजीव गणना में 29 गीदड़, 3 जरख, 6 मरू बिल्ली,10 लोमड़ी, 4 भेड़िया, 2 बिज्जू बड़ा, 335 नीलगाय,1146 लंगूर,1988 बंदर, 2 सारस, 1088 मोर की संख्या दर्ज की गई है। वहीं पाटन में 2 पैंथर व सबसे ज्यादा संख्या मोर 1722 आंकी गई है