नीमकाथाना। भूदोली रोड़ स्थित एफसीआई गोदाम के पीछे आश्रम जनजाति बालिका छात्रावास का जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने शिलान्यास किया। समारोह की अध्यक्षता राजस्थान राज्य जनजाति आयोग व बस्सी के विधायक लक्ष्मण मीणा ने की। विशिष्ट अतिथि राजस्थान व्यापार मंडल के अध्यक्ष व विधायक सुरेश मोदी, राजस्थान किसान बोर्ड के अध्यक्ष व खंडेला के विधायक महादेव सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार व खेतड़ी के विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह रहे। राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड,जयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता बलराम मीणा ने सभी अतिथियों का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री बामनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जनजाति बालिका छात्रावास के लिए भूमि का अनुमोदन कर निशुल्क पट्टा देकर ऐतिहासिक कार्य किया है। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इस कार्य से जनजाति समाज की बालिकाओं को छात्रावास होने के बाद अध्ययन करने में सुविधा होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रावास में रखी गई आधारशिला को बालिकाओं के भविष्य की आधारशिला मानते हुए समाज में बालिकाओं का भविष्य निर्धारित करें।
विधायक सुरेश मोदी ने समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि बालिकाओं को छात्रावास का निर्माण हो जाने के बाद आधुनिक सुविधाओं के साथ अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। इससे जनजाति क्षेत्र की बालिकाएं देश व प्रदेश में क्षेत्र का नाम रोशन करेगी।
खंडेला के विधायक महादेव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए राजस्थान के सभी वर्गों के लिए बिजली के बिलों में दी गई छूट का भी लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिजली का उपयोग जरूरत होने पर ही करें। इस प्रकार बिजली बचा कर छूट का लाभ उठाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बस्सी के विधायक लक्ष्मण मीणा ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार ने सौगात देते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन का लाभ मिल सकेगा। बालिका छात्रावास के निर्माण में 2.80 लाख की लागत आएगी। जो 50 बेड सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। इस दौरान आई.ए.एस. कुंजीलाल मीणा, सेवानिवृत्त वरिष्ठ आई.ए.एस. के.एल. मीणा, सेवानिवृत्त वरिष्ठ आर. एस. एस. आर. डी. मीणा, जगदीश गढ़वाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।