नीमकाथाना: टोडा-चीपलाटा सड़क मार्ग पर स्थित प्राचीन व प्रसिद्ध पवित्र स्थल अविनाशी धाम खतरे में है। खनन माफिया बड़े पैमाने पर पवित्र धाम के आसपास स्थित क्षेत्र में खनन कर अवशिष्ट सामग्री अविनाशी धाम के परिसर में डाल रहे हैं। ट्रेलर द्वारा यह अवशिष्ट सामग्री बड़े पैमाने पर धाम के ठीक सामने खाली पड़ी भूमि पर फैलाई जा रही है।
पेड़ों सहित वनस्पति को नुकसान
ग्रामवासी रामवतार गुर्जर ने बताया कि एम एल नं.48/2011 लीज स्वीकृत हैं। खान मालिक द्वारा बड़ी मात्रा में खनन के दौरान जमा अवशिष्ट सामग्री को प्रसिद्ध मंदिर के परिसर में जमा कर ढ़ेर लगाया जा रहा है। जिससे वहां पर स्थित बणी के हरे-भरे पेड़ों पर संकट मंडरा गया है।
कबूतरों पर बरपा संकट
अविनाशी धाम के मुख्य पुजारी व महंत प्रह्लाददास ने बताया कि धाम में सिर्फ पहाड़ी की पूजा होती है। इस धाम पर बड़ी संख्या में कबूतर विचरण करते हैं। श्रद्धालु यहां एक माह में कबूतरों को 30 क्विंटल से ज्यादा अनाज डालते हैं। कबूतरों के लिए अनाज कक्ष बनाए गए हैं। लेकिन मंदिर के पास ही बड़ी मात्रा में खनन कार्य किया जा रहा है। भारी ब्लास्टिंग की गूंज से कबूतर यहां दाना नहीं चुग पा रहे हैं। अचानक धाम पर कबूतरों की संख्या में कमी आई है।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
अविनाशी धाम के अस्तित्व को खनन माफियाओं द्वारा नुकसान पहुंचाते देख ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। रामवतार ने बताया कि एमएल नं.48/11 का कुल क्षेत्रफल 23 हेक्टेयर है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खान विभाग ने सरकारी जमीन और खातेदारी जमीन पर फर्जीवाड़े से विभाग ने लीज जारी कर दी। उन्होंने बताया कि इस खान के उपर से हाइटेंशन विद्युत लाइन भी गुजर रही है।
भारी ब्लास्टिंग से दरक सकती है पवित्र पहाड़ी
स्थानीय लोगों ने बताया कि अविनाशी धाम में स्थित पवित्र पहाड़ी को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में पूजा जाता है। यह आस्था का केंद्र है। प्रतिवर्ष 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं का जनसैलाब इस पवित्र धाम में उमड़ता है।
लगातार खनन व भारी ब्लास्टिंग से एक दूसरे से परस्पर जुड़ी इस पहाड़ी में खाली जगह बनने लगी है। पुजारी ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि अगर प्रशासन द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ी जन हानि हो सकती है। पहाड़ी दरकने से अविनाशी धाम का अस्तित्व सदा के लिए विलुप्त हो सकता है।