चीफ़ एडिटर मनीष टांक की ग्राउंड रिपोर्ट...
नीमकाथाना: देशभर में लंपी महामारी गौवंश पर अपना प्रकोप लगातार बरपा रही हैं। लगभग 50 हजार से ज्यादा गौवंश की जिंदगी महामारी ने लील ली।आपदा हो या महामारी वह तो हमेशा आफत बन मनुष्य और बेजुबानों पर अपना कहर बरपाती हैं। इस बीच एक सवाल यह भी उठता है कि मनुष्य इन सब स्थितों से किस प्रकार निपटता हैं! वाकया इस प्रकार हैं कि सीकर जिले की सबसे बड़ी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित गौशाला में गायों की दुर्दशा को लेकर पहले भी चर्चा होती आई हैं, लेकिन मरणोपरांत बाद भी गायों के शव के साथ बदसलूकी का किस्सा इस खबर में पढ़िए!
रविवार को एक गाय व गौवंश की गोपाल गौशाला के अंदर मौत हो गई थी। गाय व गौवंश के मौत का कारण गौशाला के कार्मिक ने सामान्य बताया। गाय की मौत के बाद गौशाला व पालिका कर्मचारियों ने गौवंश के शव के साथ नगरपालिका के कचरे से भरे टैक्टर ट्रॉली में तिरपाल से ढककर ले जाया जा रहा था। पालिका के सफाई कर्मी ने बताया की गाय का शव गौशाला से उठाकर कचरे से भरी ट्रॉली में डालकर मंढोली में बने कचरे के नाके पर डाला हैं। बाद के जेसीबी आने के बाद दफनाया जायेगा।
12 महीने चालू रहता हैं गौशाला में अनुदान
गोपाल गौशाला की स्थापना 1939 में की गई थी। यह जिले की सबसे बड़ी गौशाला हैं। अक्षय पुण्य योजना, गोचरी, गौ सवामनी जैसी आर्थिक योजना के आधार पर गौशाला में संचालित ट्रस्ट द्वारा 12 महीनों गायों के लिए अनुदान जुटाया जाता हैं। इस तथ्य के आधार पर अनुमान हैं कि गौशाला में करोड़ों रुपयों से ज्यादा अनुदान प्राप्त हो चुका हैं।
मृत गायों को कचरे में डाला, सनातन हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़:- वशिष्ठ
पंडित दीपक वशिष्ठ ने बताया की गौशाला में बेहतरीन व पर्याप्त अनुदान होने के बाद भी गायों की दुर्दशा के मामले पूर्व में भी सामने आए हैं। रविवार को मृत गौवंश को कचरे की ट्रॉली में ले जाया जा रहा था। एक गाय व गौवंश शव को पालिका के कचरे के वाहन में डालकर मंढोली नाके के कचरे के ढेर में डाला गया जो हिन्दू धर्म व गौसेवकों की आस्था के साथ खिलवाड़ हैं।
जेसीबी देरी से आने के कारण गाय के शव को कचरे में डाला
पालिका के टैक्टर चालक ने बताया कि गोपाल गौशाला से गाय व गौवंश का शव लाया गया था। अबतक करीब 25 मृत गायों के शव को यहां डाला जा चुका हैं। जेसीबी देरी से आने के कारण कचरे के ढेर में डाल दिया। बाद में जेसीबी गड्ढा खोदकर दफना देगी।
गोपाल गौशाला में लंपी महामारी से सिर्फ 4 गायों की मौत:- गौशाला प्रबंधक
गौशाला प्रबंधक गिरधारीलाल टेलर ने बताया कि मृत गायों को पालिका कार्मिक व चिकित्सकों को देखरेख में मंढोली नामक स्थान पर दफनाया जाता हैं। गौशाला में लंपी महामारी से ज्यादा गाय प्रभावित नहीं हुई हैं। सिर्फ चार गायों की मौत हुई हैं।
इनका कहना हैं.....
1. गाय के शव को पालिका के कचरे के वाहन से नाके पर डालने के बारे में पूछा तो उन्होंने अधिशाषी अधिकारी से पूछने का हवाला दिया। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि मेरे से सवाल नहीं किया करें।
सरिता दीवान पालिकाध्यक्ष
(नपा नीमकाथाना )
2. मृत गायों को लेकर कहा कि किस स्थान पर दफनाया जाता हैं इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं। कर्मचारियों से पूछकर बता पाऊंगा।
सूर्यकांत शर्मा अधिशाषी अधिकारी
(नपा नीमकाथाना)
3. मृत गायों का अंतिम संस्कार मंढोली नाके पर नमक के साथ किया जाता हैं ताकि संक्रमण ना फैल सकें।
महेश मेगोतिया उपाध्यक्ष
(नपा नीमकाथाना)
4.मृत गायों के मामले को लेकर पूछा गया। इन्होंने बताया कि अभी किसी काम से बाहर हूं। अभी बात नहीं कर सकता हूं।
दौलत राम गोयल अध्यक्ष
(गोपाल गौशाला नीमकाथाना)