इंद्राज योगी की रिपोर्ट...
नीमकाथाना: सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस साल 26 सितंबर से शुरू हुआ नवरात्रि का पावन पर्व 04 अक्टूबर को यानी नवमी तिथि के दिन समापन होगा। इन नौ दिनों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री रूप में जन्म लेने कारण देवी शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। देवी का यह स्वरूप इच्छाशक्ति और आत्मबल को दर्शाता है।
जिसका भव्य दरबार जोशी कॉलोनी स्थित युवा जागृति संस्थान द्वारा आयोजित 16 वां दुर्गा पूजा महोत्सव में सजाया गया। दोपहर को महा आरती आयोजित की गई। जिसमें श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखाई दिया। महाआरती के बाद प्रसादी वितरित की गई।
मां शैलपुत्री कौन हैं ?
नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। मां शैलपुत्री को वृषोरूढ़ा, सती, हेमवती, उमा के नाम से भी जाना जाता है। घोर तपस्या करने वाली मां शैलपुत्री सभी पशु-पक्षियों, जीव की रक्षक मानी जाती हैं। नवरात्रि पूजन में पहले दिन इन्हीं का पूजन होता है।
मां शैलपुत्री का स्वरूप
मां शैलपुत्री श्वेत वस्त्र धारण कर वृषभ की सवारी करती हैं। देवी के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। ये मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। मां शैलपुत्री को स्नेह, करूणा, धैर्य और इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जाता है।
मां शैलपुत्री का प्रिय रंग
मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है। इसलिए पूजा के दौरान उन्हें सफेद रंग की चीजें बर्फी आदि का भोग लगाया जाता है। पूजा में सफेद रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। पूजा के समय सफेद रंग के वस्त्र धारण करना लाभकारी है।
महा आरती के बाद होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
संस्था के अध्यक्ष रावत सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि शाम को 7 बजे महा आरती आयोजित होगी। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति देने वाली पार्टी सोनू अनुराग टीम द्वारा भव्य प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं का मन मोहा जायेगा।
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता इंतजाम
मीडिया प्रभारी शेखर ने बताया कि महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ साथ पुलिस जवान तैनात रहेंगे। पूरे पांडाल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पांडाल में महिलाओं और बच्चों के लिए पृथक रूप से व्यवस्था की गई है। पानी की व्यवस्था के लिए शुद्ध पानी की दो टंकियां रखवाई गई है।