मनीष टांक/इंद्राज योगी की खास रिपोर्ट.....!
नीमकाथाना।शारदीय नवरात्रि के पर्व पर आयोजित 16 वां दुर्गा पूजा महोत्सव के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की गई। पंडित अनूप शर्मा ने बताया कि स्कंदमाता को मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है। स्कंदमाता भक्तों की समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं। मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं। संतान प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की आराधना करना लाभकारी माना गया है। स्कंदमाता की पूजा से भक्त को मोक्ष मिलता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनकी पूजा से भक्त अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। स्कंदमाता का स्वरूप मन को मोह लेने वाला है। इनकी चार भुजाएं हैं। दो हाथों में इन्होंने कमल लिए हैं। मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कंद बाल रूप में विराजित हैं। मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है। शेर पर सवार होकर मां दुर्गा अपने पांचवें स्वरूप यानी स्कंदमाता के रूप में भक्तजनों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहती हैं।
जोधपुर के कलाकारों ने दी प्रस्तुति, स्थानीय कलाकारों ने भी बांधा समां
संस्था उपाध्यक्ष पवन टेलर ने बताया कि शाम को महाआरती के बाद जोधपुर के कल्पित चौधरी की पार्टी के कलाकारों द्वारा राजस्थानी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। चौधरी ने पानी की मटकियां व 16 फीट ऊंचा ध्वज सिर पर रखकर नृत्य किया। वहीं केके टीम सहित स्थानीय कलाकारों ने भी समां बांधा। इस दौरान भारी संख्या में भीड़ जमा हुई।
श्याम मंदिर के 15 मंडल के सदस्यों ने माता के दरबार में लगाई हाजिरी, 21 हजार का सहयोग
संस्था अध्यक्ष रावत सिंह राणा ने बताया कि रात्रि कार्यक्रम में श्याम मंदिर के 15 मंडलों के सदस्यों ने दरबार में हाजिरी लगाई। संस्था सरंक्षक गिरधारी पंसारी व सत्यनारायण शर्मा द्वारा सम्मान किया गया। संस्थान को 21 हजार रुपए का सहयोग किया।