नीमकाथाना। शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान माना जाता है। यह बांटने से कम नहीं होता बल्कि बढ़ता है। इसी को सही साबित करते हुए मुक्त आकाश संस्था के संस्थापक ललित दार्शनिक झुग्गी झोंपड़ियों के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का काम कर रहे हैं। दार्शनिक ने झुग्गियों में ही जमीन पर दरी लगाकर 'फुटपाथ पाठशाला' लगानी शुरू कर दी। लगातार प्रयास से पाठशाला में 60 से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं। संस्था बच्चों को मुफ्त में पढ़ाती है, किताबें देती है और साथ ही इनको पास ही के प्राइमरी स्कूल में दाखिला भी दिलवाती है। बच्चों को सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा, स्वास्थ्य समेत हर बिंदु पर चर्चा की जाती है। जिससे उनके रहन-सहन के तरीके और सोच में भी बदलाव आया है।
बच्चों को जागृत कर समाज की मुख्यधारा में लाना
ललित दार्शनिक ने बताया कि कुछ साल से वो इन बच्चों को देख रहे थे जो मिट्टी धूल में इधर उधर भटकते रहते थे तो इन्हें देखर लगा कि इनका बचपन और भविष्य दोनों अंधकारमय हैं। मैंने इन बच्चों को शिक्षा से वंचित होते हुए देखा तो मैंने ठाना कि इन्हें शिक्षा की ओर लेकर जाऊंगा। पाठशाला का मुख्य उद्देश्य इन सभी बच्चों को जागृत कर समाज की मुख्यधारा में लाना है जो 21वीं सदी में भी शिक्षा से वंचित हैं।
शुरुआत में ललित दार्शनिक अकेले थे लेकिन धीरे धीरे लोगों को इस काम के बारे में पता चला और लोग उनकी मदद के लिए आगे आये।
इनका मिला सहयोग
संस्था सदस्य गजेंद्र मोदी, भामाशाह संजीव मोदी (बंटी), जे.पी. यादव, कृष्ण योगी, विक्की शर्मा एक टीम के रूप में अपना पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। हमारे देश में ललित दार्शनिक जैसे लोग एक मिसाल हैं जो समाज की दिशा बदलने का काम कर रहे हैं